काम के तनाव से कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार मुआवजे का हकदार

Family entitled to compensation in case of employees death due to work stress
काम के तनाव से कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार मुआवजे का हकदार
नागपुर काम के तनाव से कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार मुआवजे का हकदार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया फैसले में माना है कि नौकरी के दौरान काम के तनाव के चलते यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो उसका परिवार मुआवजे का हकदार है। ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी की अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया है। 

12 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान
वर्ष 2003 में सनफ्लैग फैक्टरी में कार्यरत टिप्पर ड्राइवर योगेश गाढवे की मृत्यु हो गई। घटना 15 सितंबर 2003 की है। रात करीब 3 बजे फैक्टरी परिसर में ही योगेश की तबीयत बिगड़ गई। उसके मुंह से अचानक खून निकलने लगा। थोड़ी ही देर में उसकी मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नी ने वर्कमैन कंपनसेशन एक्ट के तहत संबंधित आयुक्तालय में याचिका दायर की थी। आयुक्तालय ने पीड़ित परिवार को 2 लाख 43 हजार 300 रुपए मुआवजा 12% ब्याज के साथ अदा करने का आदेश जारी किया, जिसके खिलाफ इंश्योरेंस कंपनी ने हाईकोर्ट की शरण ली। 

कंपनी ने दी थी चुनौती
मृतक की पत्नी के अनुसार काम के तनाव के कारण उसका पति शारीरिक और मानसिक दबाव में था। कंपनी द्वारा दिए गए काम के कारण ही उसके पति की मृत्यु हो गई है। इस मामले में कंपनी की दलील थी कि कर्मचारी को कहीं भी कोई चोट नहीं लगी, यह पोस्टमॉर्टम से सिद्ध होता है। मामले में सभी पक्षों को सुनकर पीड़ित परिवार को मुआवजे का हकदार माना गया था। इस फैसले को इंश्योरेंस कंपनी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने माना कि टिप्पर चालक का काम माल से भरे हुए ट्रक को चलाने का था, जिसके लिए अत्याधिक मानसिक और शारीरिक परिश्रम लगता है। ऐसे में कार्यस्थल पर हुई मृत्यु का संबंध काम से ही है। हाईकोर्ट ने निचली प्राधिकरण का फैसला कायम रखते हुए कंपनी की याचिका खारिज कर दी। 
 

Created On :   11 Jun 2022 2:30 PM IST

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