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घर वापसी के लिए परेशान है कैंसर पीड़ित 6 साल के बच्चे का परिवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जहां एक ओर अधिकारियों से निजी संबंध रखने वालों को आराम से परिवार के साथ पिकनिक मनाने की इजाजत मिल रही है वहीं दर्जनों जरूरतमंदों को आवश्यक यात्राओं के लिए भी दरबदर भटकना पड़ रहा है। इन्हीं लोगों में से एक हैं पेशे से प्रोफेसर डॉ. महिपाल सिंह राठौड़। राठौड़ अपने छह साल के बेटे वंश के कैंसर के इलाज के लिए मुंबई आये थे इसी दौरान पूरे देश में लॉक डाउन घोषित हो गया। 27 मार्च को रेडियो थेरेपी के बाद डॉक्टरों ने वंश को घर जाने की इजाजत दे दी। लेकिन परिवार वापस जा नही पा रहा है और पास हासिल करने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में स्थित इस्लामाबाद गांव के रहने वाले चौहान ने बताया कि टाटा अस्पताल से मिले इजाजत के पत्र और बिजनौर के अपर जिलाधिकारी द्वारा यात्रा के लिए जारी पास को लेकर वे मुंबई से गांव जाने के लिए निकले थे लेकिन गुजरात सीमा पर उन्हें रोक दिया गया। वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने महिपाल से कहा कि वे महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जारी किया गया पास ले आये। उन्होंने बच्चे के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पुलिस वालों से घर जाने देने की अपील की लेकिन वे नहीं माने इसके बाद उन्हें मजबूरन मुंबई लौटना पड़ा। महिपाल ने बताया कि फिलहाल वह गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं और पास के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं।
वे मदद मांगने कुछ आला पुलिस अधिकारियों तक पहुचे लेकिन उन्हें बताया गया कि प्रक्रिया ऑनलाइन है और वे कुछ नही कर सकते। पुलिस महानिदेशक के ऑफिस के संबंधित ईमेल आईडी और फोन नंबर पर उन्होंने संपर्क किया है और दस्तावेज भेज दिए हैं लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि संबंधित नंबर पर गुरुवार को मैंने पूरा दिन फोन करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो सका। महिपाल ने बताया कि 6 अप्रैल को पास के लिए आवेदन करने के बाद अब वे पुलिस द्वारा पास जारी करने का इंतजार कर रहे हैं।
Created On :   10 April 2020 6:39 PM IST