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ताड़ोबा से सटे बफर जोन में बाघ के हमले में किसान की मौत

डिजिटल डेस्क, चिमूर (चंद्रपुर)। जिले में बाघ के हमलों में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। धूप बढ़ने के साथ पानी व शिकार की तलाश में वन्यजीवों का गांवों की ओर बढ़ना धीरे धीरे शुरु हो रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को मूल तहसील के मोरवाही गांव में एक महिला की मौत होने का मामला सामने आया था। शनिवार, 15 फरवरी को चिमूर तहसील के पलसगांव बफर जोन के कोलारा गांव के खेत में एक और किसान की मौत होने का मामला सामने आया है। यह किसान खेत में फसल की रखवाली के लिए गया था। बालाजी वाघमारे( 67 ) ऐसा मृतक किसान का नाम है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात नहर मार्ग से जब किसान अपने खेत की ओर जा रहा था तभी बाघ ने उसका पीछा किया । जैसे ही किसान बालाजी अपने खेत में पहुंचा वैसे ही बाघ ने उस पर हमला कर दिया। जिसमें उसकी मौत हो गयी। शनिवार सुबह मृतक की पत्नी ने उसका शव देख इसकी जानकारी परिजनों को दी। ताडोबा से सटे पलसगांव वनपरिक्षेत्र के कोलारा में का क्र. 6 टेकाडी मांडवझरी परिसर में यह घटना घटी। शनिवार सुबह 11 बजे जब मृतक की पत्नी गिरजाबाई खाना लेकर खेत पहुंची तब मृतक की चप्पल, थोडी दूरी पर टॉर्च, कपड़ा व रक्त गिरा हुआ दिखाई दिया।
थोड़े ही दूरी पर मृतक के पैर के टुकडे, धोती एक तरफ व शरीर के बाकी अंग दूसरी तरफ झाड़ियों में नजर आए। इस घटना से परिसर के किसानों में दहशत फैल गयी है।घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गयी। चिमूर के थानेदार स्वप्निल धुले सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे। परंतु वन विभाग के अधिकारी करीब 5 घंटे देरी से पहुंचे थे। मौके पर ही मृतक का शवविच्छेदन किया गया। मौका पंचनामा किया गया। शनिवार दोपहर तक मृतक के परिजनों को तत्काल मुआवजा नही मिला था। इस बीच वन्यजीव खेतों में न पहुंचे इसलिए वन विभाग द्वारा तार का कंपाउंड उपलब्ध कराने की मांग की गयी। मनसे के प्रशांत कोल्हे व कांग्रेस के नेता शांताराम शेलवटकर ने मृतक के बेटे को वनमजूर के रुप में स्थायी सेवा में लेने की मांग भी उठाई।
Created On :   15 Feb 2020 6:57 PM IST