कर्ज माफ न होने से किसान ने खाया जहर, ओले पड़ने से फसल भी हुई नष्ट

कर्ज माफ न होने से किसान ने खाया जहर, ओले पड़ने से फसल भी हुई नष्ट

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। यहां से 40 किलोमीटर दूर ग्राम हिनौता के किसान रूपेश लोधी ने फसल नष्ट हो जाने और सिर पर भारी कर्ज होने से निराश होकर  सल्फास खाकर जान देने की कोशिश की । समय पर पता लग जाने पर परिवारजनों ने तत्काल उसे जबलपुर के एक निजी अस्पताल में लाकर भर्ती कराया जिससे उसकी प्राणों की रक्षा हो सकी । इस संबंध में  कृषक भूपेश लोधी की पत्नी ने बताया कि शनिवार को उसके गांव तथा आसपास के क्षेत्र में जबरदस्त ओलावृष्टि हुई थी । अपराह्न करीब 3: 00 बजे मौसम थोड़ा सा साफ होने पर उसका पति भूपेश लोधी खेत फसल की स्थिति देखने गया । खेत पर पहुंचते ही उसने देखा कि गेहूं तथा चना की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है । फसल की उम्मीद पर ही कृषक अपना कर्ज पटाने की सोच रहा था । उसके ऊपर सेंट्रल बैंक का रुपए दो लाख का कर्ज है। फसल नष्ट हो जाने से वह कर्ज कैसे पटाएगा ; इसी सोच में वह एकदम घबरा गया और लौटकर घर आते ही उसने सल्फास की गोलियां खा कर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की ।
परिवारजन तत्काल लाए अस्पताल
विषैली गोलियां खाने के बाद ही उसकी स्थिति बिगडऩे लगी भूपेश की स्थिति बिगड़ते देख उसकी पत्नी तथा आसपास के लोगों ने तत्काल उसे प्राथमिक उपचार दिलाया और तत्काल आकर जबलपुर नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उपचार होने से उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है ।  कृषक  की पत्नी ने बताया कि पहले उसके पास मैसेज आया था कि उसका कर्ज माफ कर दिया जाएगा किंतु कुछ दिन पूर्व भी उसे द्वारा एक मैसेज प्राप्त हुआ कि आचार संहिता लग जाने से कर्ज माफ नहीं होगा । इन मैसेज को ही उसने अंतिम फैसला मानते हुए प्राण देने की सोच ली ।
सरकारी अधिकारियों ने नहीं ली सुध
अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से इस कृषक से कोई भी सरकारी अधिकारी मिलने नहीं पहुंचा है और ना ही होला पीडि़त गांवों में फसलों की नुकसानी का आकलन करने का ही कार्य प्रारंभ हुआ है । यही कारण है कि कृषक ओलावृष्टि से हुए नुकसान के कारण हताश और निराश हैं ।

 

Created On :   20 March 2019 9:36 AM GMT

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