भुगतान के लिए भटक रहे किसान- समर्थन मूल्य पर खरीदी का मामला

farmer who sold the crops at the support price has not yet been paid the money
भुगतान के लिए भटक रहे किसान- समर्थन मूल्य पर खरीदी का मामला
भुगतान के लिए भटक रहे किसान- समर्थन मूल्य पर खरीदी का मामला

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी शुरू हुए 15 दिन से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन समर्थन मूल्य पर उपज बेचने वाले एक भी किसान को अभी तक पैसों का भुगतान नहीं किया जा सका है। किसानों को पैसों का भुगतान न होने के लिए मुख्य कारण खरीदी केंद्रों में किसानों से खरीदी गई उपज का परिवहन न होना बताया जा रहा है। उपज का परिवहन मार्कफेड को करना है, लेकिन अभी तक शासन से यह दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं कि खरीदी केंद्रों में रखी उपज का परिवहन किस तरह से करना है, क्योंकि ज्यादातर खरीदी केंद्र वेयर हाउस में बनाए गए हैं। वेयर हाउस के संचालकों का कहना है कि उचित नाप-तौल होने के बाद ही वे वेयर हाउस में उपज को रखेंगे। पूर्व में शासन द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि इस वर्ष उपज का परिवहन नहीं किया जाएगा, बल्कि वेयर हाउस में खरीदी केंद्र बनाकर वहीं पर उपज का भंडारण किया जाएगा।

साढ़े चार सौ से अधिक किसानों ने बेची उपज
जिले में जब से खरीदी शुरू हुई है, तब से लेकर आज तक पूरे जिले में करीब साढ़े चार सौ से अधिक किसानों ने खरीदी केेंद्र में अपनी उपज बेची है। जितने किसानों ने उपज बेची है, उनमें से एक भी किसान के पैसों का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि जिले में 75 हजार से अधिक किसानों ने समर्थन मूल्य पर उपज बेचने का पंजीयन करवाया है।

29 केंद्रों में नहीं हुई खरीदी
समर्थन मूल्य पर उड़द, मूंग, तिल, रामतिल की खरीदी के लिए जिले में कुछ 54 खरीदी केंद्र बनाए गए है। इन खरीदी केंद्रों में से 29 खरीदी केंद्रों में अभी तक एक दाने की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। मात्र 25 केंद्रों में ही साढ़े चार सौ किसानों से 5 हजार क्विंटल उड़द की खरीदी हो पाई है। जिन खरीदी केंद्रों में अभी उपज की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है उन केंद्रों में तैनात कर्मचारी किसानों का इंतजार कर रहे हैं।

केंद्रों में बारदाने की कमी
नाहरपुर सहित अन्य खरीदी केंद्रों में बारदाने की कमी का सामना भी किसानों को करना पड़ रहा है। वहीं उन समितियों में भी बारदाना पहुंचा दिया गया है, जहां पर खरीदी केंद्र बनाया ही नहीं गया है। बारदाने की कमी होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जहां भी बारदाने की कमी होने की सूचना मिल रही है, वहां पर तत्काल ही बारदाने की व्यवस्था की जा रही है।

इनका कहना है
उपज का परिवहन न होने से किसानों के पैसों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। मार्कफेड के अधिकारियों को उपज का परिवहन किए जाने की बात कही गई है। जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। -स्वाती जैन, जिला आपूर्ति अधिकारी

 

Created On :   13 Nov 2018 9:01 AM GMT

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