विधानसभा में उठा आलू-चिप्स, व्यापारी और किसान का मामला

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विधानसभा में उठा आलू-चिप्स, व्यापारी और किसान का मामला

डिजिटल डेस्क, भोपाल। एमपी विधानसभा में मंगलवार को किसान, आलू, व्यापारी और चिप्स का मामला गरमाया रहा। किसान आंदोलन पर आए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा में कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह ने ये मामला उठाया। उन्होंने कहा कि व्यापारी किसानों से आलू की खरीदी मात्र 5 रुपये किलो में करते हैं, परन्तु उसकी चिप्स 250 रुपए किलो में बेचते हैं। जबकि इस चिप्स को बनाने की प्रति लागत मात्र 30 रुपए ही आती है और व्यापारी 230 रुपए प्रति किलो का फायदा उठा लेते हैं।

भार्गव ने कहा कि एमपी में किसान आंदोलन बेवजह नहीं हुआ है। सरकार ने पिछले तीन साल से किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ बोनस नहीं दिया है। भाजपा सांसद प्रहलाद पटेल ने भी कहा है कि उन्हें कर्ज चुकाने के लाले पड़ जाते हैं। एमपी में कर्ज के कारण गत चार माह में करीब 600 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। सरकार ने आनंद मंत्रालय सिर्फ मंत्रालय के अफसरों के आंनद के लिए बनाया है न कि किसानों के लिए। गोविन्द सिंह ने कहा कि किसानों ने अपनी जायज मांगों को लेकर ही आंदोलन करने की घोषणा की थी।

कमर से नीचे ही गोली मारी जाए

सुप्रीम कोर्ट एवं मानव अधिकार आयोग के निर्देश हैं कि आंदोलन के दौरान यदि भीड़ पर गोली चलाना पड़े तो वह कमर से नीचे ही चलाई जाए। परन्तु मंदसौर में यह गोलीचालन कमर से ऊपर किया गया। यदि सरकार कहती है कि आंदोलन में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं नेता भी शामिल थे, तो सरकार ने उन पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की? गोविन्द सिंह ने कहा कि ग्वालियर-चम्बल संभाग में किसानों को अपनी सरसों की फसल बहुत ही कम मूल्य पर बेचना पड़ रही है। यही हालत पूरे एमपी में है।

Created On :   18 July 2017 6:51 PM IST

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