मंडी से लहसुन वापस ले गए किसान, भावांतर के दाम को लेकर हुआ हंगामा

Farmers anger on bhavantar scheme of mp, Garlic back from mandi
मंडी से लहसुन वापस ले गए किसान, भावांतर के दाम को लेकर हुआ हंगामा
मंडी से लहसुन वापस ले गए किसान, भावांतर के दाम को लेकर हुआ हंगामा

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । गुरैया थोक सब्जी मंडी में लहसुन खरीदी को लेकर बुधवार सुबह व्यापारियों और किसानों के बीच जमकर बहस हुई। काफी देर तक व्यापारी और किसान लहसुन के भावों को लेकर उलझते रहे, जिसके कारण काफी देर तक हंगामा चला। किसान अपना लहसुन बेचने के लिए मंडी आए थे, जिसके खुले ऑक्शन में व्यापारियों ने अधिकतम रेट 13 से 14 रुपए प्रति किलो रखा जबकि किसान 16 रुपए प्रति किलो की दर से इसे बेचने के लिए अड़े रहे। किसानों का कहना था कि लहसुन में भावांतर लागू होने के कारण इसे 16 रुपए प्रति किलो की दर से कम बेचते है तो उसे योजना का लाभ यानी भावांतर की राशि नहीं मिलेगी। दूसरी ओर व्यापारियों ने लहसुन की क्वालिटी को देखते हुए इसका रेट 13 से 14 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदी पर अड़े रहे। इस बीच हंगामा देख मंडी के कर्मचारी भी यहां पहुंचे जरुर लेकिन बाद में इसका कोई हल नहीं निकला और काफी देर तक चले हंगामे के बाद किसान अपना लहसुन बेचे बिना वापस लौट गए।
यह रही हंगामे की मुख्य वजह
शासन की दस अप्रैल से 31 मई तक लहसुन के लिए भावांतर का मॉडल रेट 16 रुपए प्रति किलो तय किया है। मंडी व्यापारियों की माने तो आवक फिलहाल कम है, लेकिन जो आवक आ रही है, उसकी क्वालिटी भी औसतन है। नियमानुसार दस अप्रैल के बाद 16 रुपए प्रति किलो की दर से कम बिकने वाले लहसुन में भावांतर का लाभ नहीं मिलेगा।
भावांतर के लिए यह हुआ तय
शासन की ओर से दस अप्रैल के बाद बिकने वाले लहसुन में भावांतर का लाभ मिलेगा जिसके लिए 32 रुपए प्रति किलो दर तय की गई है। इसके अलावा न्यूनतम रेट 16 रुपए प्रति किलो होना चाहिए। शासन की ओर से एक एकड़ में 7 क्विंटल लहसुन की दर रखी है। जिले में पांच हजार से ज्यादा किसानों ने भावांतर योजना में रजिस्ट्रेशन कराया है।
फरवरी-मार्च में ही बेच दिया लहसुन
जिले में लहसुन की आवक फरवरी और मार्च माह में ज्यादा रहती है, जिसके कारण मंडी में फिलहाल कम मात्रा में लहसुन आ रहा है। अब जो लहसुन आ रहा है उसकी क्वालिटी ठीक नहीं है। ऐसे में अब भावांतर योजना का लाभ उठाने के लिए किसान और व्यापारियों के बीच सांठ-गांठ शुरू हो गई है।
इनका कहना है
- शासन की ओर से लहसुन के भावांतर के दाम 32 रुपए प्रति किलो तय किए गए है। इसके अलावा 16 रुपए प्रति किलो से कम इसकी खरीदी नहीं होगी और भावांतर के 800 रुपए से ज्यादा नहीं मिलेंगे। सुबह किसान जो लहसुन लेकर आए थे उसकी क्वालिटी के अनुसार दर 13 से 14 रुपए प्रति किलो ही थी।
राजेश द्विवेदी, सचिव कृषि उपज मंडी।

 

Created On :   12 April 2018 1:23 PM IST

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