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एमपी में 9 अगस्त को किसानों का 'जेल भरो आंदोलन'
डिजिटल डेस्क, भोपाल। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय आव्हान पर 9 अगस्त को हजारों किसान एमपी में 'जेल भरो आंदोलन' में हिस्सा लेंगे। यह आंदोलन जिला और तहसील स्तर पर किया जाएगा। एमपी किसान महासभा के पदाधिकारी मंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद जारी बयान में एमपी किसान महसभा के प्रदेशाध्यक्ष जसविंदर सिंह ने कहा कि इस राष्ट्रव्यापी जेल भरो सत्याग्रह में किसानों की कर्ज से मुक्ति, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप फसल की लागत का 1.5 गुना दाम सुनिश्चित करना और पशुधन के क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग शामिल है।
किसान नेताओं के अनुसार, इन मांगों के साथ ही प्रदेश में प्याज और मूंग उत्पादक किसानों की मंडियों में हो रही लूट और मंदसौर में पुलिस की गोली से शहीद हुए किसानों की जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज से करवाने और जांच आयोग का मुख्यालय पिपलिया मंडी रखने की मांग भी शामिल है। किसान नेताओं ने कहा कि 6 जून के बाद से करीब 50 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं, सीहोर से गरीब किसान अपनी बेटियों को बैल की तरह जोत कर हल चलाने के लिए मजबूर है, तब प्रदेश सरकार कृषि और किसानों का संकट सुलझाने और उसका समाधान करने की बजाय दमन के रास्ते पर चल रही है। मंदसौर के अंदर भी सरकार की ओर से किसानों पर दमनचक्र चलाया जा रहा है।
एमपी किसान महसभा के महासचिव अशोक तिवारी ने कहा कि मानूसन के साथ ही जब खरीफ की फसल की बोवनी शुरू हो गई है, तब प्रदेश भर में न तो बीज की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही खाद का पूरा इंतजाम है। जाहिर है कि किसान अप्रमाणित नकली बीजों और नकली खाद के जाल में फसने को मजबूर होंगे। प्रदेश में नकली खाद और बीज का धंधा प्रशासन की मिलीभगत में राजनीतिक संरक्षण में चल रहा है। किसान महसभा ने सरकार से हस्तक्षेप कर खाद और बीज की व्यवस्था करने के साथ ही मंडियों में किसानों की लूट को रोकने की मांग भी है।
किसान नेताओं ने दावा किया है कि नौ अगस्त को जेल भरो आंदोलन में दस हजार से अधिक किसान शामिल होंगे। नौ अगस्त से पहले जुलाई माह में इन मांगों को लेकर प्रदेश भर में अभियान चलाया जाएगा।
Created On :   10 July 2017 2:28 PM GMT