किसानों का सोयाबीन से मोहभंग, तुअर पर लगा रहे जोर

Farmers of Soybean Growers going on the way of Tuar growing
किसानों का सोयाबीन से मोहभंग, तुअर पर लगा रहे जोर
किसानों का सोयाबीन से मोहभंग, तुअर पर लगा रहे जोर

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। कभी सोयाबीन उत्पादक जिलों की सूची में शुमार छिंदवाड़ा के किसानों का अब सोयाबीन से मोहभंग होता जा रहा है। यही कारण है कि जिले में सोयाबीन का रकबा लगातार घटता जा रहा है। सोयाबीन छोड़ किसान अब मक्का व तुअर में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं। जिससे जिले में खरीफ की मुख्य फसल अब सोयाबीन नहीं बल्कि मक्का और तुअर हो गई है।

जिले में इस बार सोयाबीन की बोवनी का लक्ष्य 34 हजार हेक्टेयर तय किया गया। जिसमें से अब तक बमुश्किल करीब 12 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन बोया जा सका है। वहीं अरहर (तुअर) की बोवनी लक्ष्य से ज्यादा बताई जा रही है। जिले में तय लक्ष्य के अनुसार 38 हजार हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है। जबकि बोवनी का आंकड़ा लक्ष्य से ज्यादा होने की उम्मीद कृषि महकमा जता रहा है।

दो साल दो गुने तक पहुंचा तुअर का रकबा

जिले में वर्ष 2015 अरहर करीब 22 हजार हेक्टेयर में उगाई गई थी। वर्ष 2016 में इस आंकड़े में 14 हजार हेक्टेयर का इजाफा हुआ। इस सीजन में 38 हजार हेक्टेयर में अरहर की बोवनी हो चुकी है। जबकि अभी बोवनी में किसान जुटे हुए हैं, जिससे आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।

सौंसर, पांढुर्ना और बिछुआ में ज्यादा जोर

जिले में के तीन ब्लॉकों में सोयाबीन लगभग खत्म होने की स्थिति में है। जबकि अरहर की ओर यहां के किसानों की रुचि एकदम से बढ़ गई है। अरहर की सबसे ज्यादा बोवनी सौंसर, पांढुर्ना और बिछुआ ब्लॉक में हुई है। यहां किसान इंटर क्राफ्टिंग कर रहे हैं।

क्यों घट रहा सोयाबीन का रकबा

- यलो मोजेक जैसे रोगों के लगातार सामने आने से सोयाबीन सेंसेटिव क्राप हो गई।

- जिले में सोयाबीन की उत्पादकता कम है, औसत 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन।

- सोयाबीन के रेट नहीं मिल पा रहे हैं, डीओसी का निर्यात भी पहले की तुलना में कम हो गया है।

इसलिए तुअर में रुचि दिखा रहे किसान

- सोयाबीन की तुलना में तुअर की खेती में लागत कम आती है, रोगों का खतरा भी कम।

- मक्का, मूंग व उड़द के साथ अरहर की इंटर क्राफ्टिंग का विकल्प।

- सरकार तुअर की समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रही है, जिससे किसानों  को रेट और फसल बेचने की चिंता नहीं।

कृषि उपसंचालक केपी भगत ने कहा कि जिले में सोयाबीन का रकबा तेजी से घटा है। किसान अरहर में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं। अरहर की लक्ष्य से ज्यादा बोवनी की उम्मीद है।

Created On :   4 July 2017 11:55 PM IST

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