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अमरावती जिले में शुरू हुई किसानों की पाठशाला

डिजिटल डेस्क, अमरावती। कई बार प्राकृतिक कारणों के साथ ही कीटनाशक तथा खाद के अधिक उपयोग के चलते धीरे-धीरे जमीन की उपाजाऊ क्षमता कम होने लगती है। जिसकी वजह से किसानों द्वारा उपजाई गई फसलों की पैदावार तथा गुुणवत्ता पर विपरीत परिणाम दिखाई देते हैं और अनुकूल वातावरण व मौसम के बावजूद अपेक्षाकृत फसल प्राप्त नहीं हो पाती। जिसकी वजह से किसान संकट में पड़ जाते हैं। इस स्थिति से बचने तथा जमीन की उपजाऊ क्षमता को बरकरार रखने की उपाय योजना के संदर्भ में जिप, जिला कृषि विभाग की ओर से किसानोंं को उपाय योजना के संदर्भ में जानकारी दिए जाने के लिए जिप व कृषि विभाग की ओर से कृषि पाठशाला शुरू की गई है।
अमरावती जिले में अधिकतर किसान मुख्य तौर पर मौसमी फसलों पर निर्भर रहते हैं। जमीन की उपयोगिता के अनुसार ही किसान फसलों को उपजाते हैं। पारंपरिक खेती करने वाले किसानों को जमीन से सहयोग न मिल पाने की स्थिति में पैदावार से हाथ धोना पड़ता है। ऐसे में फसल उगाने से पहले खेती की जमीन पर किस प्रकार की आवश्यक उपाय योजना करनी चाहिए तथा केमिकल युक्त दवाइयों व खाद के साथ ही जैविक खाद के मिश्रण से किस तरह से फसलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाते हुए जमीन की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इस संदर्भ में किसानों को जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जिप द्वारा प्रत्येक गांवों में किसानों के लिए मार्गदर्शक केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर नियुक्त किए गए कृषि विशेषज्ञ ग्रामीणों से संपर्क साधकर उन्हें खेती को अधिक उपजाऊ बनाने की जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा किसानों की कृषि संबंधित समस्याओं का समाधान भी किया जा रहा है।
Created On :   12 Jan 2022 1:06 PM IST