- दिल्ली हिंसा को लेकर अब तक कुल 22 केस दर्ज, एफआईआर में कई किसान नेताओं का ज़िक्र
- राकेश टिकैत ने ली ट्रैक्टर परेड की जिम्मेदारी, कहा- लाल किले पर झंडा किसने लगाया? जवाब दे सरकार
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज होगी केंद्रीय कैबिनेट की बैठक
- दिल्ली हिंसा: 3 और FIR दर्ज, पुलिस बोली- जैसे-जैसे शिकायत आएगी, कार्रवाई होगी
- दिल्ली: ITO से कनॉट प्लेस और इंडिया गेट जाने वाला रास्ता बंद, मिंटो रोड से कनॉट प्लेस पर भी पाबंदी
कोरोना का डर : मां से बिछड़े शावक को 14 दिन क्वारेंटाइन में रखा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपनी मां से बिछड़े शावक का एक बेहद रोचक मामला सामने आया है। 24 अप्रैल को 3-4 महीने का यह शावक चंद्रपुर जिले के दाबगांव के पास मिला था। इसे चंद्रपुर स्थित ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर में भेजा गया। वन विभाग के अधिकारियों ने कोरोना की आशंका के चलते इसे 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन भी कर दिया था। जब कोई लक्षण सामने नहीं आया, तो इसे मां के पास वापस भेजने की बात आई। लेकिन संकट यह था कि उसे किसके पास भेजा जाए। गलत जगह भेजने पर शावक की जान जाने का भी खतरा था। हम यहां बात कर रहे हैं बाघ के नन्हें शावक की। पूरी तरह स्वस्थ यह शावक अपनी मां के पास चला जाए, वन विभाग इसकी कवायद में जुटा है।
दरअसल जिस वन क्षेत्र से इसे पकड़ा गया है, वहां दो बाघिनें घूम रही हैं। अगर इसे गलत बाघिन के पास भेज दिया गया तो डर है कि वह इसे मार भी सकती है। इस समस्या के निदान के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने दोनों बाघिनों के अपशिष्ट के नमूने डीएनए जांच के लिए हैदराबाद की सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) को भेजा है। चंद्रपुर के विभागीय वनाधिकारी एएल सोनकुसरे ने बताया कि सुशी (दाबगांव) इलाके में दो बाघिन घूम रही हैं। इनमें से कौन-सी बाघिन इस शावक की मां है, यह पता लगाना जरूरी है। दो-तीन दिन में रिपोर्ट आने की उम्मीद है। उसके बाद ही शावक को उसकी मां के पास छोड़ा जाएगा। ट्रांजिट सेंटर से करीब 7-8 किमी की दूरी पर ही दोनों बाघिन घूम रही हैं। बाघिनों पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने एनजी-प्रतिनिधि, ग्रामीणों को मिलाकर चार टीम तैयार की हैं। जंगल में 29 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।