महिला सिपाही की दास्तां, अपने ही थाने में नहीं हैं सुरक्षित

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महिला सिपाही की दास्तां, अपने ही थाने में नहीं हैं सुरक्षित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उत्तर नागपुर के कुछ थानों में महिलाओं से रात में लॉकअप ड्यूटी कराई जा रही है। लॉकअप में बंद आरोपी इन महिला सिपाहियों पर छींटाकशी करते हैं। इतना ही नहीं, पुरुष आरोपियों को रात में शौचालय तक लाने-ले जाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं महिला सिपाहियों को उठानी पड़ती है। ऐसे में महिला सिपाहियों को शर्मिंदगी महसूस होती है। महिलाओं का कहना है कि थानेदारों से गुहार लगाकर थक गईं, पर शिकायत का समाधान नहीं हुआ है।

असुरक्षित महसूस करती हूं
कुछ महिला कर्मियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक थाने में उनकी ड्यूटी लगी। लॉकअप में 7-8 आरोपी बंद हैं। रात में लॉकअप में बंद इन आरोपियों को टॉयलेट के लिए ले जाने  के लिए कोई पुरुष कर्मचारी नहीं रहता है। आरोपियों को महिलाएं शौचालय तक ले जाती हैं। ऐसे में वह खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं।

गार्ड ड्यूटी से परहेज नहीं
उत्तर नागपुर के कुछ थानों में तैनात  महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्हें लॉकअप की गार्ड ड्यूटी से कोई परहेज नहीं है। रात के समय लॉकअप में बंद आरोपियों को लघुशंका या शौच के लिए ले जाने के लिए एक पुरुष पुलिसकर्मी उनके साथ होना चाहिए। दिन के समय छींटाकशी का वह मुंहतोड़ जवाब दे सकती हैं, पर रात में ऐसा करना आसान नहीं है। रात में खुद को असुरक्षित महसूस करने लगती हैं। 

टायलेट के बाहर खड़ा रहना पड़ता है
उत्तर नागपुर के कुछ थानों में तैनात महिला कर्मियों ने बताया कि रात के समय लॉकअप की गार्ड ड्यूटी में परेशानी आती है। आरोपी को बाहर निकालकर शौचालय तक ले जाना पड़ता है। उसके बाद उसके निकलने तक वहीं बाहर रुकना पड़ता है। कुछ आरोपी तो इतने बदमाश होते हैं कि वह काफी देर तक बाहर ही नहीं निकलते। ऐसे में उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है।

महिलाओं की ड्यूटी की समीक्षा होगी
लॉकअप में लगने वाली महिलाओं की ड्यूटी की मैं समीक्षा करूंगा। उसके बाद समस्याओं को देखते हुए समाधान भी किया जाएगा।
-नीलोत्पल, पुलिस उपायुक्त, परिमंडल-5, नागपुर शहर

Created On :   23 Jun 2020 6:01 AM GMT

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