छोटी दिवाली के मौके पर जगमगाई भगवान राम की नगरी: अयोध्या में दीपोत्सव के 9वें संस्करण में बने दो वर्ल्ड रिकॉर्ड... एकसाथ इतने लाख जले दीये... ऐसी रही व्यवस्था

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। भगवान राम की नगरी अयोध्या में रविवार को छोटी दीवाली के मौके पर दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बने हैं। अयोध्या दीपोत्सव के 9वें संस्करण में 26 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा 2128 अर्चकों द्वारा मां सरयू की महाआरती भी की है। इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहें और उनके द्वारा ही इसकी शुरुआत की गई थी।
इनके सहयोग से मिली सफलता
इस कार्यक्रम के दृश्य ने सिर्फ अयोध्या की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भव्यता से दुनिया को परिचित कराया। इसके अलावा भगवान राम के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा भी देखने को मिली है। इस भव्य कार्यक्रम को सफल का श्रेय स्थानीय लोगों, राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 32 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं और जिला प्रशासन को जाता है। इन्होंने ही दिन-रात कड़ी मेहनत की है।
स्वर्ग धरती पर उतरा!
दीयों को व्यवस्थित करने से लेकर उनकी रोशनी को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए भी सामूहिक प्रयास देखने को मिला है। इसके अलावा दीयों की रोशनी और रामायण थीम के आधार पर लेजर एंड लाइट शो के अलौकिक का दृश्य देखने को मिला है। वहां मौजूदी लोगों ने इन्हीं को देखकर भाव-विभोर हो गए थे। वहीं, सरयू तट पर जलते दीयों की लंबी लाइन को देखने पर ऐसा लग रहा था, जैसे स्वर्ग धरती पर उतर आया हो।
इस वजह से बने दो वर्ल्ड रिकॉर्ड
दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत सीएम योगी के द्वारा साल 2017 में की गई थी। इस साल का यह कार्यक्रम 9वां था। इस साल दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बने हैं। पहला एकसाथ 26,17,215 मिट्टी के दीये प्रज्ज्वलित किए गए थे और दूसरा एकसाथ 2128 अर्चकों ने मां सरयू की महाआरती की थी।
मुख्यमंत्री ने सपा पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री योगी ने बिना समाजवादी पार्टी (सपा) का नाम लिए साधा निशाना और कहा, "जो लोग राम भक्तों पर गोलियां चलवाते हैं वो राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा मे नहीं आते हैं। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर ना बने इसके लिए अधिवक्ता खड़े किए। उन्होंने गोली चलाई, हम दीप जला रहे हैं। उन्होंने अयोध्या को फैजाबाद बनाया था, हमने फिर से अयोध्या बना दिया" उन्होंने आगे कहा, "हर दीप हमें याद दिलाता है कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता। सत्य की नियति होती है विजयी होने की। विजयी होने की उस नियति के साथ सनातन धर्म लगातार 500 वर्षों तक संघर्ष करता रहा। उन संघर्षों की परिणति स्वरूप अयोध्या में भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण हुआ।"
Created On :   20 Oct 2025 1:38 AM IST