अयोध्या में आज ऐतिहासित दीपोत्सव: '500 वर्षों तक किस तरह का अपमान झेलना...' सीएम योगी ने दिवाली के मौके पर कही ये बात

500 वर्षों तक किस तरह का अपमान झेलना... सीएम योगी ने दिवाली के मौके पर कही ये बात
इस कार्यक्रम में शामिल होने की लिए मुख्यमंत्री पहुंच गए हैं। मंच से उन्होंने अपने शुरुआती संबोधन में दीपोत्सव की शुभकामनाएं प्रेषित की और साथ ही मंच पर उपस्थित तमाम संतों और कार्यक्रम में शामिल सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद से यह दूसरी बार दिवाली मनाई जा रही है, जो आज रविवार को ऐतिहासिक होने जा रही है। जहां पर लाखों की संख्या में दीए जलाए जाएंगे। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम में शामिल होने की लिए मुख्यमंत्री पहुंच गए हैं। मंच से उन्होंने अपने शुरुआती संबोधन में दीपोत्सव की शुभकामनाएं प्रेषित की और साथ ही मंच पर उपस्थित तमाम संतों और कार्यक्रम में शामिल सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, "मैं सभी लोगों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और यहां सभी संतों और अतिथियों का स्वागत करता हूं। अयोध्या वह नगरी है जहां धर्म ने मानव रूप में अवतार लिया, जहां भगवान राम सर्वत्र हैं।" उन्होंने आगे कहा, "जब हमने 2017 में अयोध्या में पहला दीपोत्सव मनाया था, तो हमारा एकमात्र उद्देश्य दुनिया को यह दिखाना था कि जब पूरी दुनिया अंधकार का सामना कर रही थी, तब अयोध्या ने भगवान राम का स्वागत कैसे किया।"

सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा, "2017 में हमें जलाने के लिए दीये कम पड़ गए थे। हमें अयोध्या में केवल 25,000 मिट्टी के दीये मिले। हमने लोगों से अपील की और केवल 51,000 मिले थे, तब हमने प्रदेश भर से दीये इकट्ठा किये थे तब जाकर 1 लाख 71 हजार दीये जल पाए थे. आज, पूरे भारत के संकल्प के रूप में अयोध्या में लाखों दीये जलाए गए हैं। ये केवल दीये नहीं हैं, बल्कि अपमान, अंधकार और 500 वर्षों के संघर्ष के बाद विश्वास की जीत है।"

उन्होंने आगे कहा, "500 वर्षों तक किस तरह का अपमान झेलना पड़ा था, हमारे बुजुर्गों किस प्रकार के संघर्षों से जूझे थे, ये दीप उसी की विजय का प्रतीक हैं। तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम तंबू में विराजमान थे और अब जब, दीपोत्सव का नवम संस्करण होना है, तब भगवान श्री राम अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हैं।"

Created On :   19 Oct 2025 7:18 PM IST

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