Bihar Election 2025: इंडिया ब्लॉक से JMM अलग होते ही पप्पू यादव ने आरजेडी चीफ पर साधा निशान, दी ये नसीहत

इंडिया ब्लॉक से JMM अलग होते ही पप्पू यादव ने आरजेडी चीफ पर साधा निशान, दी ये नसीहत
जब बिहार विधानसभा चुनाव में जीएमएम ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतार रही है। इसका आधिकारी ऐलान भी कर दिया गया है।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति में खींचतान जारी है। इसी क्रम में अब महागठबंन में भी खुलकर सामने आ रही है। पूर्णिया से निर्दलिया सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव गठबंधन के नेताओं कड़ा मैसेज दिया है। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन को एकजुट रखना है तो कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) जैसी पुरानी सहयोगी पार्टियों का सम्मान करना जरुरी है।

निर्दलीय सांसद का कहना है कि कांग्रेस ने कभी भी गठबंधन को तोड़ने का प्रयास नहीं किया है। वह एक मर्यादित पार्टी रही है। उसने अपना अपमान सहकर भी उसका स्वागत किया है। लेकिन आज जो हालात निकल कर बाहर आए है, इससे लगता है कि कोई बड़ी ताकत है। जो इस इंडिया ब्लॉक को तोड़ने के काम में लगी है।

आरजेडी चीफ को दी ये नसीहत

पप्पू यादव का यह बयान तब सामना आया है, जब बिहार विधानसभा चुनाव में जीएमएम ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतार रही है। इसका आधिकारी ऐलान भी कर दिया गया है। निर्दलिया सांसद ने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को महागठबंधन में रहकर तीन से चार सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए था। उन्होंने आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा कि मैं लालू से अपील करता हूं कि वे अपनी परंपरा छोड़ दें और सहयोगी दलों को नजरअंदाज न करे। उन्होंने लालू प्रसाद यादव को नसीहत देते हुए कहा कि दूसरे लोगों से कुछ सिखिए और जीएमएम को दोबारा से महागठबंधन में जोड़ लिजिए।

उनका आगे कहना है कि हमारे नेता इस इंडिया ब्लॉक को मजबूत करना चाहते हैं, लेकिन इस बीच हमारे नेताओं के विचारों पर किसी प्रकार का हमला होता है तो हम किसी हालात में चुप ने रहेंगे। इसके लिए महाठबंधन के अंतर भी मर्यादा और पारदर्शिता बहुत जरुरी है।

पप्पू यादव ने किया ये दावा

पप्पू यादव ने दावा किया है कि इस चुनाव में जनता हमारे साथ है और बदलाव का माहौल दिखाई दे रहा है। इस बार आमजन जाति और गठबंधन की सीमा लंघ कर आगे की सोच रख रहे हैं। जनता प्रदेश में विकास चाहती है। न कि राजनीति की कुर्सी।

Created On :   19 Oct 2025 4:59 PM IST

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