यूरिया के लिए मारामारी, व्यापारियों ने बढ़ाए दाम

Fights for urea, traders raise prices
यूरिया के लिए मारामारी, व्यापारियों ने बढ़ाए दाम
यूरिया के लिए मारामारी, व्यापारियों ने बढ़ाए दाम

डिजिटल डेस्क, मंडला। किसान पिछले चार-पांच दिनों से सोसायटियों के चक्कर लगा रहे है। बिछिया और बम्हनी में एक दाना भी यूरिया नहीं है और मंडला में भी किसान यूरिया के लिए भटक रहे है। यूरिया नहीं मिलने की स्थिति में फसलें प्रभावित हो रही है, जिससे किसान गुस्सा हैं। 

किसानों ने खरीफ फसल की बोवनी कर ली है, लेकिन किसानों को भटकना पड़ रहा है। बम्हनी और बिछिया की सोसायटियों में खाद नहीं मिल रही है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विपणन संघ ने सोसायटियों में खाद उपलब्ध नहीं कराई है। इस साल खरीफ फसल के लिए 11 हजार 758 टन बिक्री का लक्ष्य, किसानों की डिमांड को देखते हुए रखा गया है। जिसमें 7 हजार टन यूरिया, 2 हजार टन सुपर, 22 सौ टन DAP, 100टन पोटाश, 458 टन इफ्को की आवश्यकता पड़ेगी। यहां किसान खरीफ फसल के समय यूरिया का अधिक उपयोग करते है। डिमांड के आधार पर विभाग पूर्ति नहीं कर पा रहा है। 

किसानों को जरुरत
इस समय किसानों को करीब 1000 टन यूरिया की जरूरत है। लेकिन जिलेभर की सोसायटियों में करीब 250 टन ही यूरिया उपलब्ध है। जिन सोसायटियों में यूरिया है, वहां भी 1 या 2 दिन में खत्म हो जाएगा। यूरिया लेने के लिए किसानों की लम्बी लाईनें सोसायटियों में लगी हैं। 

व्यापारियों ने बढ़ाएं दाम
सोसायटियों में यूरिया की उपलब्धता नहीं होने के बाद व्यापारियों ने दाम और बढ़ा दिया है। जो नीम कोटेड यूरिया 303 रूपए में मिलती थी अब वह सोसायटियों में कमी के बाद बाजार में 450 रूपए तक में बिक रही है। लेकिन कृषि विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

हर साल की परेशानी
हर साल यहां यूरिया की परेशानी होती है। डिमांड के आधार पर यूरिया का भंडारण विभाग नहीं कर पाता है। जिससे बोवनी के बाद ही यूरिया की समस्या बन जाती है। किसान को भटकना पड़ता है। विभाग की लापरवाही के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले बार विभाग ने सोसायटियों को पत्थर बनी यूरिया पहुंचा दी थी और अब किसान यूरिया के लिए भटक रहे है। 

 

Created On :   22 July 2017 6:16 PM IST

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