कॉलेजों में नहीं लगी सेनेटरी पैड मशीन

Film padman effect, Sanitary pad machines will not in colleges
कॉलेजों में नहीं लगी सेनेटरी पैड मशीन
कॉलेजों में नहीं लगी सेनेटरी पैड मशीन

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  फिल्म पैडमैन के बाद महिलाओं के पीरिएड्स को लेकर  खुलकर बातें होने लगी है। अब लोग इससे जुड़ी खामियों और प्रशासन की लापरवाही भी उजागर करने लगे हैं।वैसे तो  केन्द्रीय महिला आयोग ने कालेजों में सैनेटरी पैड मशीनें लगाने के आदेश कई वर्ष पूर्व दिए हैं लेकिन हकीकत कुछ और है। कालेजों में इसे लेकर ढेरों खामियां सामने आ रही है। कई जगह कालेजों में अब तक सेनेटरी पैड मशीनें ही नहीं लगी है।

कालेजों में नहीं लगी सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें

जानकारी के अनुसार केंद्रीय महिला आयोग ने करीब 3 वर्ष पूर्व नागपुर के कॉलेजों में छात्राओं के लिए सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन तीन साल के बाद भी अधिकांश कॉलेजों में यह मशीनें नहीं लगी हैं। सिनेमा के माध्यम से जब से मासिक धर्म का विषय उठा है, सोशल मीडिया पर इसके प्रति जागरूकता लाने की मुहिम चल पड़ी है। लोग सेनिटरी पैड के साथ तस्वीरें पोस्ट करके शर्म या झिझक त्यागने की अपील करते नजर आ रहे हैं, पर कॉलेजों ने शायद अभी तक शर्म की चादर आेढ़ रखी है। यही कारण है कि महिला आयोग के पत्र को भी कॉलेजों ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है।

पीरिएड्स के कारण छोड़ देती हैं पढ़ाई
एक सर्वेक्षण में जब से यह सामने आया कि प्रदेश में 23 प्रतिशत छात्राएं मासिक धर्म की समस्या के कारण कॉलेज स्तरीय शिक्षा छोड़ देती हैं, छात्राओं की समस्या से निपटने के लिए एक समाधान के रुप में महिला आयोग ने यह पहल की थी। छात्राओं की शिक्षा स्कूल तक ही सिमट कर न रह जाए, इस उद्देश्य से जागरूकता लाने के लिए आयोग ने प्रयास किया था, मगर नागपुर में आयोग की यह योजना पूरी तरह विफल रही है। महिला आयोग ने वर्ष 2014 में उच्च शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा व तंत्र शिक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभागों को यह मुहिम शुरु करने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभागों और कॉलेजों ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई।  

Created On :   12 Feb 2018 2:02 PM IST

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