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छगन भुजबल समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर

डिजिटल डेस्क, मुंबई । राज्य के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ राकांपा नेता छगन भुजबल समेत तीन लोगों के खिलाफ मुंबई की चेंबूर पुलिस ने एक व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। शिकायतकर्ता का दावा है कि उन्होंने भुजबल को उन्हीं का दो वीडियो सोशल मीडिया के जरिए भेजा था जिसमें वे कथित तौर पर हिंदू धर्म के खिलाफ बात कर रहे हैं। इसके बाद उन्हें धमकी भरे फोन और संदेश आने का सिलसिला शुरू हो गया। फोन करने वालों ने उन्हें यह कहकर धमकाया कि तू भुजबल साहब को संदेश भेजता है। तेरे घर आकर तुझे गोली मारेंगे। भुजबल साहब को संदेश भेजना मंहगा पड़ेगा मैं तेरे पीछे दुबई के लोग लगा दूंगा। चेंबूर इलाके में रहने वाले कारोबारी ललित टेकचंदानी ने पुलिस को बताया कि उन्होंने दो वीडियो भुजबल को भेजे थे। शिकायत के आधार पर भुजबल और दूसरे आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506(2) और 34 के तहत धमकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
मामला आगे की जांच के लिए अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। बता दें कि कुछ दिनों पहले भुजबल अपने उस बयान को लेकर विवादों में थे जिसमें उन्होंने स्कूलों में देवी सरस्वती की जगह महापुरुषों की मूर्ति लगाने की मांग की थी। वहीं भुजबल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भाजपा नेता और विधायक नितेश राणे ने ट्वीट कर उन पर निशाना साधा। नितेश ने लिखा कि मां सरस्वती से नफरत करने वाले राजनेता ने एक कारोबारी को धमकी दी है। एफआईआर दर्ज हो गई है। अब तो अब तो मां सरस्वती भी उन्हें नहीं बचा पाएगी। याद रखना अब महाराष्ट्र में हिंदुत्वादी सरकार है। सांसद राहुल शेवाले ने भी पूरे मामले की जांच की मांग की है और सवाल किया है कि क्या धमकाने वालों को पूर्व मंत्री का समर्थन है।
मैंने कोई धमकी नहीं दी-भुजबल
मामले में सफाई देते हुए छगन भुजबल ने कहा कि टेकचंदानी से उनकी 10 साल पुरानी दुश्मनी है। उनके खिलाफ टेकचंदानी ने पहले भी कई बार शिकायत दर्ज कराई है। भुजबल ने कहा कि उन्होंने न कभी टेकचंदानी को फोन किया और न ही कोई संदेश भेजा है। उन्होंने कहा कि सरस्वती को लेकर दिए बयान के बाद उन्हें अज्ञात लोगों के संदेश और फोन आने शुरू हुए। अनजान आदमी लगातार संदेश भेज रहा था इसीलिए सहायक को नंबर के बारे में जानकारी हासिल करने को कहा। उसने उसी समय उस नंबर पर फोन किया लेकिन फोन किसी ने नहीं उठाया। बाद में पुणे के एक पार्टी कार्यकर्ता ने टेकचंदानी से संपर्क किया तो उसने कहा कि मुझे बोलने का अधिकार है। बाद में हमने उससे मिलने आने की बात कही लेकिन आगे कोई मुलाकात नहीं की। भुजबल ने कहा कि टेकचंदानी को कोई धमकी नहीं दी गई। उनकी छवि खराब करने के लिए यह साजिश रची गई है।
Created On :   1 Oct 2022 6:34 PM IST