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पहले बहिष्कार, फिर सामूहिक मुंडन : प्रशासन पर शिक्षकों के अपमान का आरोप
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका द्वारा शिक्षक दिवस पर हर वर्ष शिक्षकों को आदर्श शिक्षक पुरस्कार 2018 से नवाजा जाएगा। इसके लिए 5 सितंबर को सुरेश भट सभागृह में भव्य आयोजन किया गया है। इसके खिलाफ मनपा शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने शिक्षक दिवस का बहिष्कार किया है। बहिष्कार करते हुए 4 से 6 सितंबर तक संविधान चौक पर बेमियाद अनशन की घोषणा की है। अगले चरण में सामूहिक मुंडन की भी तैयारी दिखाई गई है। ऐसे में मनपा प्रशासन संकट में फंस गया है। अगर आदर्श शिक्षक पुरस्कार-2018 लेने कोई शिक्षक नहीं पहुंचता है या सभागृह में शिक्षकों की भीड़ जमा नहीं होती है तो उसे किरकिरी का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल मनपा के शिक्षक संगठन अपनी विविध मांगों को लेकर प्रशासन से नाराज है। वर्षों से यह मांगें कायम है, लेकिन उन पर आज तक कोई समाधान नहीं हुआ।
समस्या बरकरार, हो रही औपचारिकता पूरी
नागपुर महानगरपालिका शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजेश गवरे ने बताया कि शिक्षक दिवस पर आदर्श शिक्षक पुस्कार देकर मनपा प्रशासन अपनी औपचारिकता पूरी कर रहा है, लेकिन वर्षों से समस्या बनी है। जो शिक्षक सहायक के रूप में नियुक्त होता है, वह सहायक होकर ही सेवानिवृत्त हो रहा है। शिक्षकों की 24 वर्षों की सेवा के बाद भी उसे चयन श्रेणी प्राप्त नहीं होती है।
यह कैसा सम्मान?
प्राथमिक मुख्याध्यापकों के 25 और माध्यमिक मुख्याधापक के 18 जगह रिक्त हैं। शाला मुख्याध्यापक बिना चल रहे हैं। 12 वर्ष बाद भी शिक्षकों के छठवें वेतन आयोग का बकाया बाकी है। 70 महीने का महंगाई भत्ता लंबित है। आदर्श शिक्षकों को प्रशस्ति-पत्र के साथ दिए जाने वाले पुरस्कार सम्मान राशि मनपा देती नहीं है? आदि प्रश्न लंबित रहने पर कैसे शिक्षकों का सम्मान है।
इन सभी विषयों को लेकर बार-बार निवेदन, आंदोलन, मोर्चे निकाले गए। इसलिए शिक्षक दिवस पर बहिष्कार डालने का निर्णय लिया गया है। 4, 5, 6 सितंबर को अनशन और उसके बाद सामूहिक मुंडन किया जाएगा। इससे भी बात नहीं बनी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल का होना निश्चित है।
Created On :   2 Sep 2018 12:09 PM GMT