पहली बार दिखी ऐंसी सख्ती, सभी जोन आयुक्तों को थमाया एक साथ नोटिस

First time, notices all the zonal commissioners simultaneously
पहली बार दिखी ऐंसी सख्ती, सभी जोन आयुक्तों को थमाया एक साथ नोटिस
पहली बार दिखी ऐंसी सख्ती, सभी जोन आयुक्तों को थमाया एक साथ नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आर्थिक नियोजन को लेकर कटघरे में खड़ी महानगरपालिका में अब अधिकारी निशाने पर आ गए हैं। संपत्ति कर वसूली का टारगेट पूरा नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बार-बार चेतावनी देने के बावजूद टारगेट पूरा नहीं होने से मनपा स्थायी समिति सभापति वीरेंद्र कुकरेजा ने शहर के सभी जोन के सहायक आयुक्तों को नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया है। नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं मिलने और वसूली में सुधार नहीं होने पर भविष्य में  मनपा संपत्ति कर विभाग के सहायक आयुक्त मिलिंद मेश्राम को नोटिस जारी करने की चेतावनी दी है।

722 करोड़ रुपए के बिल जमा

स्थायी समिति सभापति कुकरेजा ने बताया कि  इस साल अब तक 722 करोड़ रुपए के बिल जमा कर लिए गए हैं। 722 करोड़ में से 320 करोड़ रुपए बकाया हैं। 402 करोड़ रुपए चालू वर्ष के हैं। अब तक 5.55 लाख घरों का सर्वे किया गया है। 4.93 लाख के बिल अपलोड कर लिए गए हैं। 21 दिन में आपत्ति व सुझाव मंगवाने की तिथि अब निकल चुकी है। 4.89 लाख बिल जोन को भेज दिए गए हैं, जबकि 4.30 लाख बिल बांटे जा चुके हैं।

लापरवाही के आरोप

मनपा स्थायी समिति ने इस बार 400 करोड़ रुपए संपत्ति कर वसूली का टारगेट रखा था। अक्टूबर तक 200 करोड़ का लक्ष्य पूरा करना था। इसे लेकर सभी जोन कार्यालयों में बैठक लेकर चेताया भी गया था। समीक्षा बैठकों में भी इसके संकेत दिए गए थे, लेकिन सहायक आयुक्त द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं रखने से वसूली में लगातार मनपा पिछड़ रही थी। बताया गया कि अक्टूबर तक मनपा संपत्ति कर विभाग को 200 करोड़ रुपए वसूल करना थे, किंतु नवंबर तक सिर्फ 115 करोड़ रुपए ही वसूल हो पाए हैं। ऐसे में सहायक आयुक्तों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मनपा स्थायी समिति ने सभी जोन के सहायक आयुक्तों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। काम में सुधार नहीं होने या वसूली में गति नहीं आने पर कर विभाग के सहायक आयुक्त पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं। श्री कुकरेजा ने बताया कि, नवंबर तक 115 करोड़ वसूल किए गए हैं। हालांकि यह पिछले साल की अपेक्षा 22 करोड़ रुपए ज्यादा है। गत वर्ष इस समय तक 93 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी।

वित्तीय समस्या बताकर अधिकारियों द्वारा नगरसेवकों की फाइलें रोकी जा रही हैं। इसे लेकर भी स्थायी समिति ने नाराजगी जताई। बैठक में वीरेंद्र कुकरेजा ने कहा कि दिक्कत बताकर फाइल रोकी न जाए। फाइलों को जल्द मंजूरी प्रदान करें। हां, जहां जरूरी है उसे रोकने पर आपत्ति नहीं है, लेकिन अनावश्यक रूप से फाइल रोक कर नगरसेवकों को परेशान किया जा रहा है।

Created On :   2 Dec 2018 6:02 PM IST

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