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पांच डाक कार्यालय बैंक में हुए तब्दील लेकिन कर्मियों का संकट बरकरार

डिजिटल डेस्क, अमरावती। केंद्र सरकार भारतीय डाक विभाग को अब पूरी तरह से बैंकिंग सेवाओं से जोड़ रही है। आगामी 1 मार्च से अमरावती जिले के भी 5 डाक कार्यालय पूरी तरह से बैंकिंग प्रणाली के तहत संचालित किए जाएंगे। इसके साथ ही कई सारी सरकारी योजनाएं सीधे तौर पर डाक विभाग से जुड़ी हुई हंै। नई प्रणाली स्थापित किए जाने के बाद भी डाक विभाग में खाली पड़े पदों को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हंै। अमरावती डाक विभाग में कर्मचारियों की कमी के चलते कामकाज पर असर हो रहा है। जिले में डाक विभाग की लगभग 455 विभिन्न शाखाएं हैं। ऐसी कोई शाखा नहीं जहां कर्मचारियों की कमी न हो।
कुछ लोगों को पार्सल तथा डाक पत्रिकाओं के वितरण के लिए दिहाड़ी पर रखा गया था, लेकिन नियमित भुगतान न किए जाने की वजह से उन्होंने भी काम करना बंद कर दिया। अब स्थिति यह है कि ग्रामीण इलाके तो दूर शहर के डाक कार्यालयों में भी डाक बाबू नहीं हैं। अमरावती शहर के अलग-अलग डाक दफ्तारों में अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि तीन-तीन, चार-चार वर्ष पहले जो पद रिक्त हुए थे, उन पर अब तक नियुक्तियां नहीं की गई हंै। जिसकी वजह से कर्मचारियों पर अधिक भार बढ़ चुका है। साथ ही सरकारी योजनाओं के अलग-अलग कार्यों के चलते पोस्ट ऑफीस के मुख्य कार्यों में विलंब होता जा रहा है। अधिकारियों ने नाम न बताते हुए कहा कि पूरे जिले में डाक व्यवस्था दम तोड़ रही है। जनता की शिकायतों के पत्र हमारे पास भरे पड़े हंै, लेकिन हम उन पत्रों को पढ़ने से ज्याद और कुछ कर ही नहीं सकते।
नागपुर के अधिकारी दे सकते हैं जवाब
कर्मचारियों की भर्ती तथा बैंकिंग प्रणाली स्थापित किए जाने के बाद मनुष्य बल की आपूर्ति कैसी की जाएगी। डाक कार्यालय के खाली विभागों में किस तरह की व्यवस्था की जानी है। इस संदर्भ में नागपुर स्थित प्रांतीय मुख्यालय के अधिकारी ही स्थिति स्पष्ट बता सकते हंै।
- संगीता रक्तेकर, डाक विभाग अधिकारी, अमरावती
Created On :   9 Feb 2022 12:41 PM IST