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धान उपार्जन मामला : खाद्य विभाग ने दोषियों के खिलाफ हुई कारवाई का ब्यौरा मांगा

डिजिटल डेस्क शहडोल । धान उपार्जन 2017-18 के दौरान ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों के गलत बैंक खाता नंबर डालने के मामले की अभी तक जांच शुरू नहीं हो पाई है। मामले में खाद्य विभाग की ओर से भेजा गया पत्र जिला सहाकरी केंद्रीय बैंक को मिल गया है। बैंक ने सभी समितियों और बैंक शाखाओं से बिंदुवार जानकारी मांगी है।
खाद्य विभाग के पत्र में पूरे मामले की बिंदुवार जांच कर जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि जिन किसानों के पंजीयन में गलत खाता नंबर दर्ज है, उनके सही बैंक खाता नंबर ई-उपार्जन पोर्टल मेें दर्ज कराने के बाद ही उनसे खरीदी की जा सकेगी। इसके अलावा पंजीयन के दौरान गलत बैंक खाता दर्ज करने वाले कर्मचारी का नाम एवं पद और उसके विरुद्ध की गई कार्रवाई, किसान पंजीयन पर कितनी उपज विक्रय की गई एवं उपज की राशि किस बैंक खाते में उपार्जन समिति द्वारा जमा कराई गई है, किसानों को उनके डाटाबेस में दर्ज बैंक खाते में राशि जमा न करने का कारण और बैंक खाते में संशोधन करने वाले कर्मचारी का नाम एवं पद तथा उसके विरुद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी गई है।
तीन समितियों ने दी जानकारीइधर, सहकारी आयुक्त के पत्र के बाद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की ओर से सहकारी समितियों को भेजे गए पत्र के करीब 15 दिन बाद भी सिर्फ तीनसहकारी समितियों ने ही जानकारी भेजी है। इनमें ब्यौहारी के 8 किसानों की जानकारी भेजी गई है, जिनके खाते पोर्टल पर गलत दर्ज थे। वहां से भेजी गई जानकारी में बताया गया है कि राशि का भुगतान किसानों के सही खाते में किया गया है। यहां किसानों को कुल 3 लाख 68 हजार 900 रुपए का भुगतान हुआ है। इसी तरह सामतपुर सहकारी समिति में 22 किसानों के गलत खाते नंबर दर्ज थे। इन किसानों को उनके सही खातों में 14 लाख 91 हजार 100 रुपए का भुगतान करने, जबकि पलसउ समिति में 101 किसानों के गलत खाता नंबर दर्ज थे। इनके खातों में सुधार कर कुल 48 लाख 9 हजार 960 रुपए का भुगतान करने की बात कही गई है।
कर्मचारियों की हड़ताल बनी रोड़ा
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डीके सागर का कहना है कि सभी सहकारी समितियों को एक तय फार्मेट में जानकारी देने के लिए कहा गया है। अभी तक तीन समितियों ने जानकारी भेजी है। सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से अन्य समितियों ने जानकारी नहीं भेजी है। सभी समितियों से जानकारी आने के बाद रिपोर्ट कंपाइल कर भोपाल भेजी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि खाद्य विभाग के पत्र को भी सभी समितियों और बैंक शाखाओं को भेज दिया गया है और निर्र्धारित बिंदुओं में जानकारी मांगी गई है। गौरतलब है कि शहडोल में कुल 37 सहकारी समितियां हैं। वहीं उमरिया में 38 और अनूपपुर में 25 सहकारी समितियां हैं। इसके अलावा संभाग में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की 20 शाखाएं हैं।
यह है मामला
धान उपार्जन 2017-18 के दौरान कई किसानों के नाम एक ही खाता नंबर में दर्ज कर दिए गए थे। शहडोल जिले में ऐसे किसानों की संख्या 723 थी। इनके नाम 236 खातों में दर्ज थे। इसी तरह उमरिया जिले में 120 खातों में 445 किसानों के नाम, जबकि अनूपपुर जिले में 14 खातों में 37 किसानों के नाम दर्ज थे। यह गड़बड़ी भोपाल में पकड़ी गई थी। इसके बाद आयुक्त सहकारिता की ओर से पत्र भेजा गया था, जिसमें गलत खाता नंबरों की जानकारी देते हुए जांच के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद खाद्य विभाग की ओर से ऐसे किसानों की जानकारी ई-मेल के जरिए भेजी गई। बाद में पत्र भी जारी किया गया। इसमें मामले की जांच करने के साथ ही ऐसे किसानों से रबी की फसलों की खरीदी नहीं करने के लिए कहा गया है, जिनके खाता नंबर पोर्टल पर गलत दर्ज हैं।
Created On :   7 March 2018 1:41 PM IST