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एम.फिल स्टूडेंट्स के लिए पीएचडी की राह आसान, नहीं देनी पड़ेगा एंट्रेंस एग्जाम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एम फिल किए स्टूडेंट्स के लिए पीएचडी की राह आसान हो गई है। यूनिवर्सिटी ने एम.फिल पास स्टूडेंट्स को एक सौगात दी है। यूनिवर्सिटी ने एम.फिल उत्तीर्ण स्टूडेंट्स को बगैर किसी प्रवेश एग्जाम के पीएचडी करने की छूट दी है। हालांकि यह सुविधा पुराने एम.फिल धारकों के लिए नहीं है। बल्कि जिन स्टूडेंट्स को सेंट्रलाइज प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से एम.फिल में एडमिशन मिला था, उन्हें ही यह सुविधा मिलेगी। यूनिवर्सिटी प्रकुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले के अनुसार एम.फिल धारकों को यह छूट इसलिए मिल रही है, क्योंकि ये स्टूडेंट पहले ही एम.फिल में एडमिशन पाने के लिए पेट-1 एग्जाम पास कर चुके हैं, इसके अलावा रिसर्च मेथेडोलॉजी व अन्य पहलू भी एम.फिल में पढ़ चुके हैं। ऐसे में इन्हें बगैर पेट-1 और पेट-2 एग्जाम दिए आगे की प्रक्रिया करने की अनुमति मिलेगी। हालांकि इन्हें अन्य सभी पात्रताओं और नियमों की पूर्ति करनी पड़ेगी।
पेट का टाइम टेबल
यूनिवर्सिटी ने हाल ही में पीएचडी/एम.फिल के लिए प्रवेश एग्जाम का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस बार यूनिवर्सिटी ने पेट परीक्षा से लेकर तो आरआरसी तक का समय तय किया है।
यूनिवर्सिटी ने पीएचडी प्रवेश एग्जाम (पेट-1) 27-29 दिसंबर को रखी है।
इसके पूर्व 20 दिसंबर तक अभ्यर्थी के लॉग इन आईडी पर हॉल टिकट भेजे जाएंगे।
2 जनवरी को पेट-1 का परिणाम आएगा। इसमें उत्तीर्ण स्टूडेंट पेट-2 के लिए पात्र होंगे।
13 जनवरी को ऑफलाइन पेट-2 परीक्षा होगी। 21 जनवरी को रिजल्ट जारी होंगे।
1 से 15 मार्च तक पीएचडी रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे।
अप्रैल 2019 से आरआरसी की बैठकें होंगी।
ये बदलाव होंगे
इस बार यूनिवर्सिटी ने पीएचडी रिसर्च प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव किया है। अब तक किसी रिसर्च सेंटर में किसी गाइड के मार्गदर्शन में शोध करने वाले शोधार्थियों को एक समस्या होती थी। यदि उनका गाइड रिटायर हो जाए तो उन्हें नया गाइड खोजने में खासा पसीना बहाना पड़ता था। लेकिन अब विवि ने फैसला लिया है कि किसी गाइड के रिटायर होने पर उस संबंधित रिसर्च सेंटर के प्रमुख को शाेधार्थियों को उसी रिसर्च सेंटर से नया गाइड उपलब्ध कराना पड़ेगा।
Created On :   7 Dec 2018 11:04 AM IST