मुसीबत के मारे मुसाफिरों के लिए ये किसी फरिश्ते से कम नहीं

For the passengers in trouble, this is not less than a sculpture, more than 50 people help in a year
मुसीबत के मारे मुसाफिरों के लिए ये किसी फरिश्ते से कम नहीं
मुसीबत के मारे मुसाफिरों के लिए ये किसी फरिश्ते से कम नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कई बार तो ऐसे मामले भी सामने आते हैं कि मुसीबत में अपने तक मुंह मोड़ लेते हैं। ऐसे माहौल के बीच नागपुर रेलवे स्टेशन के कुलियों, प्रीपेड ऑटो रिक्शा चालकों और सफाई कर्मचारियों ने मुसीबत में घिरे यात्रियों की मदद का बीड़ा उठाया है। स्टेशन पर परेशान मुसाफिरों की मदद को ये हर समय तैयार रहते हैं। मिशन को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने के लिए बाकायदा "जनकल्याण सेवा संस्था" तक बनाई गई। अब इसी के बैनर तले जरूरतमंदों की मदद की जाती है।

कुछ साल पहले

कुछ साल पहले परेशान यात्रियों की मदद करते-करते रेलवे स्टेशन के कुलियों, प्रीपेड ऑटो रिक्शा चालकों के मन में ख्याल कि रोज इस तरह के मामले आ रहे हैं। इन सबने मिलकर वर्ष 2016 में "जनकल्याण सेवा संस्था" बनाई। इसके बाद समाजसेवा के इस काम को रफ्तार मिली। दरअसल, इस संस्था के बैनर तले सभी धनराशि भी जुटाते हैं। जिसकी जो सामर्थ्य होती है, वह जमा करता है। भूले-भटके यात्रियों की आर्थिक मदद भी की जाती है। इसके अलावा, परेशान यात्रियों को समय पर पुलिस की मदद तक मुहैया कराने में ये लोग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। कई बार अपने परिजनों से बिछड़े यात्रियों को उनके परिवार तक पहुंचाने का भी जरिया यही लोग बनते हैं।

मदद के लिए बढ़ाते हैं हाथ

रेलवे स्टेशन पर शायद ही कोई दिन होता हो, जिस दिन कोई न कोई मुसाफिर मुसीबत में न दिखे। ऐसा नजारा करीब रोज का होता है। इन मुसाफिरों की मुसीबतों से स्टेशन पर रहने वाले कुली भी रू-ब-रू होते हैं। अगर यात्री स्टेशन के बाहर निकलता है तो प्रीपेड ऑटो रिक्शा चालकों से उनका सामना होता है। ऐसे में कुलियों, चालकों और सफाईकर्मियों की मदद ली जाती है या यूं कहें ये अपने आप मदद का हाथ बढ़ाते हैं। 

बिछड़े परिजनों से मिलाया

पदाधिकारियों का दावा है कि वर्षभर के भीतर 50 से अधिक यात्रियों की मदद की गई है। इसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। कई बार छोटे बच्चे भी परेशान मिलते हैं, जो अपने परिजनों से बिछड़ गए होते हैं। इन्हें चाइल्ड लाइन को सौंपा गया है। संस्था के अध्यक्ष अजय पाटील, सचिव अब्दुल मज्जिद भाई के अलावा अलीम अंसारी, अल्ताफ अंसारी, फिरोज खान, ज्ञानेश्वर पाटील, प्रदीप पाटील, प्रदीप नागदेवसे आदि हर वक्त मुसाफिरों की मदद को तत्पर रहते हैं।

Created On :   10 Aug 2017 9:44 PM IST

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