ट्रैक कैमरों में कैद हुए बाघिन अवनि के शावक

forest department and WCT track cameras in captured of tigress
  ट्रैक कैमरों में कैद हुए बाघिन अवनि के शावक
  ट्रैक कैमरों में कैद हुए बाघिन अवनि के शावक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मौत के बाद भी सुर्खियों में रही बाघिन अवनि के दोनों शावक यवतमाल के रालेगांव व पांढरकवड़ा तहसील के वन क्षेत्रों में लगाए गए वन विभाग व डब्ल्यूसीटी के ट्रैक कैमरों में कैद हुए हैं, लेकिन विभाग की पैदल गश्ती दल उनके पैर के निशान खोजने में सफल नहीं हो पाया। शावकों की तस्वीरें 8 दिसंबर शनिवार को कैद हुई थीं। वन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, बाघिन टी-1 के दोनों शावकों को रेस्क्यू सेंटर पहुंचाने के लिए उन्हें ढूंढ़ा जा रहा है।

खोज में जुटा वन विभाग 
महाराष्ट्र वन विकास महामंडल और पांढरकवड़ा वन विभाग, यवतमाल की ओर रालेगांव व पांढरकवड़ा तहसील के वन क्षेत्रों शावकों की खोज में मुहिम जारी है। इसके लिए सराटी गांव में बेस कैंप बनाया गया है। विभाग की ओर वन क्षेत्र में 117 ट्रैक कैमरे और 44 प्रेशर इंप्रेशन पैड लगाए गए हैं।  प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, उप वन संरक्षक, पांढरकवड़ा और विभागीय व्यवस्थापक एफडीसीएम ने कैंप क्रमांक 655 पहुंचकर मुहिम की जानकारी ली। इस बीच गश्त पथक क्षेत्र में नियमित रूप से  रात में गश्त दे रहा है।

अवनि के शावकों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में पिछले दो सालों से बाघिन अवनि की दहशत में लोग जी रहे थे। 13 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार मानी जाने वाली नरभक्षी बाघिन का गत माह  शार्प शूटर के बेटे असगर ने गोली मारी थी। अवनि की मौत के बाद घटना का भारी विरोध किया गया। फलस्वरुप मामले की जांच करने समिति गठित करनी पड़ी। जिसकी रिपोर्ट भी आ चुकी है। अवनि मृत्यु प्रकरण की अभी जांच जारी है। ऐसे में अवनि के भटक रहे शावकों को वन विभाग सुरक्षित रखना चाहता है। वन्यजीव प्रेमी व संगठन भी उन्हें सलामत रखने की मांग कर रहे हैं। अवनि के दोनों शावकों के ट्रैक कमरों में कैद होने के बाद वन विभाग अब पगमार्ग का सहारा ले रहा है जो अब तक मिले नहीं है।

 

Created On :   11 Dec 2018 12:28 PM IST

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