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फर्जी डिग्री लगाकर बना कांस्टेबल, जानिए फिर क्या हुआ?

डिजिटल डेस्क, अनुपपुर। कोतमा थाने में पदस्थ आरक्षक के द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाते हुए आरक्षक भर्ती की परीक्षा दी गई। इसके बाद उसका चयन होने पर मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई। पुलिस जांच में आरक्षक द्वारा नौकरी हासिल करने के लिए किए गए इस फजीबाड़े का खुलासा हो पाया। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर आरोपी आरक्षक के विरूद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है।
थाना मे पदस्थ आरक्षक पंकज चैधरी स्थाई निवासी मानपुर जिला उमारिया के खिलाफ भालूमाडा निवासी देवेन्द्र कुमार पिता हरदेव सिंह द्वारा पंकज की नौकरी मे कक्षा 10 वी की फर्जी अंकसूची लगाकर पुलिस विभाग मे वर्ष 2013 से नौकरी करने की शिकायत की गई थी। शिकायत पर पुलिस अधीक्षक सुनील जैन द्वारा जॉच एसडीओपी कोतमा विजय प्रताप सिंह परिहार को सौपी गई। जॉच के दौरान पंकज चैधरी के पुलिस भर्ती रिकार्ड मे लगी कक्षा 10वी की अंकसूची शास. उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिहावल जिला सीधी से उत्तीर्ण बताया गया था जिसकी जांच पर विद्यालय के प्राचार्य द्वारा पंकज चैधरी नाम के छात्र का किसी प्रकार का रिकार्ड नहीं पाया गया और न ही उक्त आरक्षक उक्त विद्यालय से उत्तीर्ण पाया गया। जिसके द्वारा प्रस्तुत मार्कशीट मे जारी हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए।
आरोपी आरक्षक पुलिस मे भर्ती होने के पूर्व उमारिया मे नगर सैनिक (होमगार्ड) के पद पर नौकरी कर रहा था। जो 16 अक्टूबर 2013 से आरक्षक के पद पर भर्ती होकर 4 वर्षों से विभाग में विभिन्न स्थानों पर अपनी सेवाएं दे चुका था। इस मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपी आरक्षक के विरूद्ध धारा 420,467,468,471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
कोतमा के एसडीओपी विजय प्रताप सिंह ने मामले में कहा कि शिकायत पर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन मे जांच उपरांत भर्ती के लिए कूटरचित दस्तावेजो का उपयोग करना पाए जाने पर विभिन्न धाराओ के तहत मामला दर्ज कर विवेचना जारी है।
Created On :   4 July 2017 8:05 PM IST