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पूर्व केंद्रीय मंत्री शांताराम पोटदुखे का लंबी बीमारी के बाद निधन

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री व शिक्षा महर्षि शांताराम पोटदुखे का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। नागपुर के एक निजी अस्पताल में 85 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांसें ली। उनके निधन पर राजनीतिक व सामाजिक जगत से जुड़ी हस्तियों को गहरा आघात पहुंचा है। उनका पार्थिव शरीर साईंबाबा मंदिर के समीप उनके निवासस्थान पर रखा गया। इस समय कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व सांसद अशोक चव्हान, पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार, केंद्रीय गृहराज्यमंत्री हंसराज अहिर, राज्य के वित्त-नियोजन व जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार, पूर्व सांसद नरेश पुगलिया, विस कांग्रेस उपगटनेता विधायक विजय वडेट्टीवार, पूर्व सांसद नाना पटोले, पूर्व मंत्री संजय देवतले, पूर्व मंत्री मोरेश्वर टेंभुर्डे, पूर्व मंत्री रणजीत देशमुख, पूर्व सांसद विजयराव मुडे, पूर्व सांसद मारोती कोवासे, पूर्व सांसद सुरेश वाघमारे, विधायक नाना श्यामकुले, विधायक संजय धोटे, पूर्व विधायक वामनराव कासावार, पूर्व विधायक बालासाहब सालुंखे, नामदेव उसेंडी, सुभाष धोटे, सुदर्शन निमकर, बाबासाहब वासाडे, महापौर अंजलि घोटेकर, जिप अध्यक्ष देवराव भोंगले, स्थायी समिति सभापति राहुल पावडे, जिला मध्यवर्ती बैंक के अध्यक्ष मनोहर पाऊणकर, पूर्व नगराध्यक्ष गयाचरण त्रिवेदी, जिलाधिकारी डा.कुणाल खेमनार, एसपी डा.महेश्वर रेड्डी तथा अन्य राजनेता, पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक क्षेत्र के मान्यवरों ने बड़ी संख्या में उपस्थित रहकर श्रद्धांजलि अर्पित की। सो अंतिम यात्रा मुख्य मार्ग से शांतिधाम के लिए निकली। शांतिधाम में सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस समय सर्वदलीय नेताओं ने 1 मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। तीन दिन बाद शहर के प्रियदर्शनी सभागृह में सर्वदलीय शोकसभा का आयोजन किया गया है।
4 बार चंद्रपुर से रहे सांसद
सर्वोदय शिक्षा प्रसारक मंडल व सरकार पटेल मेमोरियल ट्रस्ट के माध्यम से पोटदुखे ने चंद्रपुर व गड़चिरोली जिले के अभियांत्रिकी, विज्ञान, कला, वाणिज्य, समाजकार्य, विधि महाविद्यालय माध्यम से शैक्षणिक जाल बुने। विदर्भ साहित्य संघ के वे विश्वस्त थे। उन्होंने अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन दो बार सफल किया। वह दोनों साहित्य सम्मेलन के स्वागत अध्यक्ष थे। विदर्भ साहित्य सम्मेलन को भी उन्होंने सफल बनाया। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहराव के नेतृत्ववाली सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री तथा उस समय केंद्रीय वित्तमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वित्तराज्यमंत्री थे। वर्ष 1984 से 1996 तक लगातार 4 बार चंद्रपुर लोकसभा मतदाता संघ के वह सांसद थे। 1996 में वर्तमान केंद्रीय गृहराज्यमंत्री हंसराज अहिर ने उन्हें हराया था। इसके बाद भी वह कुछ दिन राजनीति में सक्रिय थे। पिछले 15 वर्ष से सक्रिय राजनीति से वह दूर थे। विगत कुछ दिनों से वे दमा व त्वचा की बीमारी से चंद्रपुर के सीएचएल अस्पताल में भर्ती थे। उसके बाद उन्हें नागपुर के अर्नेजा अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके पैर का ऑपरेशन किया गया। इस दौरान रविवार दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर उनका निधन हो गया। वह अपने पीछे पत्नी, एक बेटा, एक बेटी समेत भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं।
Created On :   25 Sept 2018 3:18 PM IST