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अमरावती के चार हज यात्रियों का हज के दौरान इंतकाल
डिजिटल डेस्क, अमरावती। "या रब मेरी तकदीर कुछ ऐसी बना दे, मैं जाऊं मदीने में मुझे वहां की खाक दिला दें" ऐसा किसी शायर ने कहा है। मुस्लिम हदीस के अनुसार इस्लाम की सबसे पाक कही जाने वाली यात्रा हज यात्रा के दौरान यदि किसी हज यात्री का इंतकाल हो जाए तो उसे जन्नत नसीब होती है। इस बार जिले भर से लगभग 450 हज यात्री पवित्र हज यात्रा के लिए रवाना हुए थे जिनमें से अब तक आकोला जिले के हज यात्री को मिलाकर 4 हज यात्रियों का इंतकाल हज यात्रा के दौरान हुआ है और उन्हे पवित्र मक्का की जमीन पर खुद को बसाने का नसीब मिला है।
जानकारी के अनुसार हज को जाने वाले जिले के परतवाड़ा निवासी हाजी शेख अय्युब का 8 अगस्त की मध्य रात्रि को दिल का दौरा पडऩे से इंतकाल हो गया। वहीं अमरावती के रहने वाले हाजी फारुख बेग (54) उमराह का अरकान पुरा हो गया था। वे मदीना जाने के लिए तैयारी कर रहे थे। लेकिन 7 अगस्त को मक्का केहोटल में रात 10.30 में उन्हें दिल का दौरा पड़ा।उस समय उनके साथ उनकी पत्नी रशिदाबी भी थी। दिल का दौरा पडऩे से मौजूद डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया।
शहर के रहमत नगर निवासी हाजी अब्दुल रहमान (67) का दो दिन पहले ही हज के सारे अरकान पूरे हो चुके थे। वे शुक्रवार की रात अपनी नमाज अदा कर सो गए। अगले दिन उन्हें जब उनकी पत्नि व्दारा सुबह फजर की नमाज के वक्त उठाया गया तब वे नही उठे। वहां पर तैनात डाक्टरों व्दारा जब उन पर उपचार किया गया तो डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया । वहीं अकोला जिले के हाजी अतिकुर्ररहमान को उमरा करते वक्त दिल का दौरा पड़ा उनका भी उस पवित्र जमीन पर इंतकाल हो गया।
सभी हाजियों को किया गया मक्का में सुपुर्दे ख़ाक
मुस्लिम नियमों के अनुसार हज पर जाने वाले व वहां पर इंतकाल होने वाले हाजियों को वहां की पावन •ामीं पर सुपुर्दे ख़ाक किया जाता है। इसी तरह जिले के 3 व अकोला के 1 हाजियों को मरणोपरान्त मक्का की पवित्र धरती पर सुपुर्द-ए-खाक किया गया। बता दें कि शहर के हाजी फारुख बेग व हाजी अ. रहेमान अपनी पत्नी के साथ हज यात्रा के लिए गये थे। जो कि अपनी हज यात्रा पूरी करने के बाद ही वापस लौटेंगी।
Created On :   25 Aug 2018 6:56 PM GMT