उल्लेखनीय योगदान देने वाली चार हस्तियों को जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित

Jamnalal Bajaj Award to four personalities for outstanding contribution
उल्लेखनीय योगदान देने वाली चार हस्तियों को जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित
मुंबई उल्लेखनीय योगदान देने वाली चार हस्तियों को जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मध्य प्रदेश के झाबुआ सहित पांच जिलों के एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम के जरिए वहां के दो लाख परिवारों के जीवन में बदलाव लाने में लगे निलेश देसाई सहित चार लोगों को 44 वें जमनालाल बजाज फाउंडेशन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक रघुनाथ माशेलकर ने सभी विजेताओं को पुरस्कार के रुप में दस लाख रुपए,ट्रॉफी व प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। फाउंडेशन की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करनेवाली हस्तियों को हर साल यह पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। यह पुरस्कार मुख्य रुप से चार श्रेणियों में दिया जाता है।  इस बार पुरस्कार की पहली श्रेणी में रचनात्मक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए निलेश देसाई को सम्मानित किया गया हैं। दूसरी श्रेणी में ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग हेतु गुजरात के मनसुख भाई प्रजापति को सम्मानित किया गया हैं। तीसरी श्रेणी  महिलाओं एवं बच्चों के विकास एवं कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ओडिशा की सोफिया शेख को सम्मानित किया गया है। जबकि चौथी श्रेणी में भारत के बाहर गांधीवादी मूल्यों को प्रोत्साहन देने के लिए लेबनान की डॉ.ओगरिट योनन व डॉ वलीद स्लेबी को सम्ममानित किया गया है। 

देसाई के कार्य से दो लाख परिवार हुए लाभान्वित 
समारोह से पहले निलेश देसाई ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि आदिवासियों को शोषण से मुक्ति दिलाने व उनका जीवन स्तर सुधारने के लिए  के लिए मैंने जन भागीदारी के जरिए झाबूआ जिले में अपने सामाजिक कार्य की शुरुआत की। मैंने सबसे पहले यहां का जल संकट दूर किया। फिर यहां पर ग्रामकोष की शुरुआत कर भील आदिवासियों को साहुकारों के चंगूल से मुक्ति दिलाई। शिक्षा के लिए मैंने इलाके में पहले रात्री स्कूलों की शुरुआत की। 34 वर्षों से सामाजिक कार्य में लगे देसाई के कार्य से मध्य प्रदेश के झाबूआ,धार, खरगौन,रतलाम व खंडवा जिले के 14 ब्लाक 770 गांव के दो लाख से अधिक परिवार लाभान्वित हुए है।  उन्होंने गांव का झगड़ा गांव में मिटाने,गांव का पैसा गांव में, गांव की बीज गांव में व स्वास्थ्य सहेली जैसी कई कार्यक्रम के जरिए आदिवासी लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव लाया। 
प्रजापति ने मिट्टी से चम्मच से लेकर रेफ्रिजरेटर का किया निर्माण

पुरस्कार विजेता मनसुख प्रजापति ने कुम्हार के पारंपरिक चाक के बजाय टाइल प्रेस की मदद से मिट्टी के बर्तन बनानकर अनेक लोगों को स्वावलंबी बनाकर उन्हें रोजगार दिए है। उन्होंने कहा कि मिट्टी सोना है। इसके इस्तेमाल से  न सिर्फ पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है बल्कि प्लास्टिक के इस्तेमाल से भी मुक्ति पायी जा सकती है। श्री प्रजापति ने मिट्टी से चम्मच लेकर रेफ्रिजरेटर सहित घरेलू समान का निर्माण किया है। वहीं ओडिशा की सोफिया शेख ने अपने कार्य के जरिए महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कार्यक्रम के दौरान जमनालाल बजाज फाउंडेशन के अध्यक्ष शेखर बजाज ने कहा कि दुनिया की नजरो में आए बिना निस्वार्थ भाव से जनकल्याण एवं सेवा के कार्य में लगे लोगों को सम्मानित करना फाउंडेशन का लक्ष्य है। 

Created On :   8 Dec 2022 7:02 PM IST

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