मासूम बच्चे को नहीं मिला खून, जिला अस्पताल में तोड़ा दम

Four year old child died due to shortage of blood
मासूम बच्चे को नहीं मिला खून, जिला अस्पताल में तोड़ा दम
मासूम बच्चे को नहीं मिला खून, जिला अस्पताल में तोड़ा दम

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। चार साल के मासूम ने आखिर खून की कमी के कारण जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। तामिया के दूरस्थ ग्राम इटावा के इस मासूम की मौत पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। कुपोषित बच्चों के लिए चलाई जा रही तमाम योजनाओं के बावजूद मासूम को नहीं बचाया जा सका।

जानकारी के अनुसार इटावा निवासी रघुनाथ उम्र 60 वर्ष, अपने पोते 4 वर्षीय नयन को रक्त की कमी के कारण गंभीर अवस्था में सोमवार को दोपहर 1.30 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां बच्चा वार्ड में उसे भर्ती कराया गया। मासूम को चिकित्सकों ने खून चढ़ाने की सलाह दी। दादा रघुनाथ खून के लिए भाग दौड़ कर रहे थे कि इस बीच दोपहर 3 बजे मासूम की सांसें उखड़ गई।

मां-बाप की हो चुकी मौत, दादा-परदादी कर रहे थे परवरिश

मासूम नयन का दुर्भाग्य ही कहा जाए कि करीब दो वर्ष पूर्व उसके माता पिता की किसी घटना में मौत हो चुकी थी। उसके बाद नयन के अलावा उसके एक छह वर्षीय भाई एवं ढाई वर्षीय बहन की परवरिश उसके दादा रघुनाथ और 80 वर्षीय परदादी कर रही थी। रघुनाथ ने बताया कि नयन की ढाई वर्षीय बहन भी खून की कमी से जूझ रही है।

निशुल्क ब्लड भी नसीब नहीं

रघुनाथ का कहना है कि नयन की तबीयत रविवार से बिगड़  रही थी। इस कारण आज उसे अस्पताल लेकर आया था। ब्लड की आवश्यकता पडऩे पर जब ब्लड बैंक पहुंचा तो कहा गया कि फ्री वाला ब्लड मैडम के आने के बाद ही मिल पाएगा। यहां से मैं वार्ड तक पहुंचा तो नयन की मौत हो चुकी थी। पैथालॉजिस्ट डॉ. रंजना टांडेकर ने कहा कि किसी भी मरीज को ब्लड के लिए मना नहीं किया गया। फ्री ब्लड देने का अधिकार कर्मचारियों को नहीं है। इस कारण उन्होंने कुछ देर इंतजार करने को कहा होगा।

Created On :   4 July 2017 12:28 AM IST

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