संपति खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी, बहनें वारिस बनकर सामने आईं तो खुला राज

Fraud in the sale and purchase of property, the secret revealed as sisters become heirs
संपति खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी, बहनें वारिस बनकर सामने आईं तो खुला राज
संपति खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी, बहनें वारिस बनकर सामने आईं तो खुला राज

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  संपति खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी उजागर हुई है। पुणे के दंपति सहित चार लोगों के खिलाफ शुक्रवार को पांचपावली थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। आरोपियों ने पीड़ित व्यापारी से लाखोें रुपए की ठगी की।

1.51 करोड़ में तय हुआ था सौदा
अशोक चौक गुरुनानक अपार्टमेंट निवासी पीड़ित व्यापारी सुमित उर्फ अंकित सुरेंद्र ग्रोवर (31) है। आरोपी उमेश केवलकृष्ण साहनी (54), उसकी पत्नी निधि साहनी (50), दोनों पुणे, अनिल भसीन (60) और निखिल राजेश कपूर (38), दोनों नागपुर निवासी है। सुमित मकान खरीदना चाहता था, इसलिए वह मकान की तलाश में था। अनिल और निखिल के जरिए उसे पता चला कि, अशोक चौक में ही साहनी भवन बिकाऊ है। सुमित ने आरोपियों के जरिए साहनी दंपति से संपर्क िकया। उन्होंने साहनी भवन बेचने के बारे मंे हामी भरी। 20 जून 2020 को 1 करोड़ 51 लाख रुपए में साहनी भवन का सौदा तय हुआ

व्यापारी ने अग्रिम 41 लाख रुपए दिए
व्यापारी ने साहनी दंपति को बतौर अग्रिम नकद और एनएफटी के जरिए 41 लाख 1 हजार 100 रुपए दिए गए। शेष रकम रजिस्ट्री के समय देने की बात तय हुई, लेकिन जब रजिस्ट्री का समय आया तो उमेश की बहनें सामने आ गईं।

फर्जी दस्तावेज बनाकर हटा दिया था बहनों का नाम
बहनों ने भी साहनी भवन पर अपना अधिकार जताया, जबकि सौदे के समय उमेश ने खुद को साहनी भवन का अकेला वारिस बताया था। अन्य वारिसों के नाम उसने फर्जी दस्तावेज बनाकर हटा दिए थे। मामला थाने पहुंचने पर  प्रकरण दर्ज किया गया। निरीक्षक किशोर नगराले के मार्गदर्शन में जांच-पड़ताल जारी है।


 
 

Created On :   3 April 2021 5:19 PM IST

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