यूनिवर्सिटी में अगले साल होंगे खुले छात्रसंघ चुनाव

from next year there will be open university elections in the universities
यूनिवर्सिटी में अगले साल होंगे खुले छात्रसंघ चुनाव
यूनिवर्सिटी में अगले साल होंगे खुले छात्रसंघ चुनाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश सरकार ने हाल ही में गैर-कृषि विश्वविद्यालयों में बाद खुले छात्रसंघ चुनावों की घोषणा की है। अगले शैक्षणिक सत्र 2019-20 में 24 साल बाद विश्वविद्यालयों में खुले छात्रसंघ चुनाव होंगे, लेकिन अगले वर्ष की इस कवायद के चलते, इस वर्ष राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में मौजूदा शैक्षणिक सत्र के लिए छात्र परिषद का गठन नहीं किया जा रहा है। सीनेट की बैठकों में भी लगातार परिषद अध्यक्ष और सचिव की कुर्सियां खाली जा रही हैं। विश्वविद्यालयों के फैसलों में विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व नहीं आ रहा। यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी कल्याण संचालक डॉ. दिलीप कावडकर के अनुसार इस साल राज्य सरकार की ओर से नागपुर यूनिवर्सिटी को छात्र परिषद गठित करने का कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसा लगा रहा है कि, इस साल इस प्रकार का निर्देश आएगा  भी नहीं। ऐसे में इस बार हर बार की तरह छात्र परिषद का गठन संभव नजर नहीं आ रहा है। उल्लेखनीय है कि, पिछले सत्र में अप्रैल माह में 15 दिनों के लिए छात्र परिषद का गठन हुआ था। 30 अप्रैल 2018 को परिषद का कार्यकाल पूर्ण हो गया था। 


इसलिए चुनाव पर लगी थी रोक
खुले छात्र संघ चुनावों में यूनिवर्सिटी या कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थी सीधे अपने प्रतिनिधि को चुन कर यूनिवर्सिटी के संबंधित प्राधिकरणों में भेजेंगे। दो दशक पूर्व जब छात्र राजनीति ने जब हिंसक रूप अख्तियार किया, तो राज्य सरकार ने विद्यापीठ अधिनियम-1994 में संशोधन कर चुनावों पर रोक लगा दी थी। वर्ष 2016 में नया महाराष्ट्र विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया गया, जिसमें खुले छात्रसंघ चुनावों को जगह दी गई। इस बार जारी निर्देशों में  राज्य सरकार ने छात्र संघ चुनावों में राजनीतिक दलों या धार्मक संगठनों को दूर रखा है। चुनावी नियमों में स्पष्ट किया है कि, कोई भी विद्यार्थी या छात्र संगठन किसी भी राजनीतिक दल या धार्मिक अर्थवा जातिगत समूह का नाम, लोगो या तस्वीर का अपने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। 

ऐसे होंगे चुनाव
यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी कल्याण बोर्ड को हर साल 31 जुलाई के पूर्व चुनावी कार्यक्रम घोषित कर 30 सितंबर के पूर्व छात्र संघ का गठन करना जरूरी होगा। केवल नियमित विद्यार्थी ही चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। चुनाव बैलेट पेपर से होगा। एक विद्यार्थी कुल पांच वोट देगा। क्लास प्रतिनिधि, अध्यक्ष, सचिव, महिला प्रतिनिधि व आरक्षित उम्मीदवार को वोट दिए जाएंगे। यह छात्र परिषद विद्यार्थियों के विकास से जुड़े फैसले करेगी। सांस्कृतिक गतिविधियों से लेकर परिसर में अनुशासन रखने और विद्यार्थियों में समन्वय और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने की दिशा में कार्य करेगी। यहीं नहीं चुनावों में विद्यार्थियों और शिक्षा संस्थान से जुड़े वर्ग के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति के दखल पर रोक रहेगी। वहीं विद्यार्थियों को आगाह किया गया है कि, चुनाव के मद्देनजर उन्हें हिंसक या बहुत ज्यादा व्यवधान खड़े करने वाली गतिविधियों से दूर रहना होगा।

Created On :   10 Dec 2018 8:50 AM GMT

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