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ओटी में एक घंटा पड़ा रहा मरीज, डॉक्टर नहीं पहुंचे तो वापस लौटाया

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल की सर्जिकल ओटी के टेबल में पड़े रहने के बाद महिला को बिना ऑपरेशन के लौटा दिया गया। ऑपरेशन के लिए सर्जन तो तैयार थे, लेकिन मरीज को बेहोश करने मेडिकल कॉलेज के निश्चेतना विशेषज्ञ गायब थे।अस्पताल की टाइमिंग के पहले ही तीनों निश्चेतना विशेषज्ञ ओटी छोड़ चुके थे। घेंघा से पीडि़त महलोन निवासी 35 वर्षीय शर्मिला सिंगारे के परिजनों ने बताया कि सभी जांचों के बाद सर्जन द्वारा ऑपरेशन किया जाना था। लगभग एक घंटे तक शर्मिला ओटी टेबल पर पड़ी रही। निश्चेतना विशेषज्ञों के न होने से उसे बेहोश नहीं किया जा सका। इस वजह से सर्जन द्वारा ऑपरेशन कैंसिल कर दिया गया।निश्चेतना विशेषज्ञों द्वारा मरीज को बेहोश किया जाता है। निश्चेतना विशेषज्ञों के न होने से मरीज का ऑपरेशन नहीं किया जा सका।
आपसी खींचतान में मरीज परेशान-
सर्जिकल विभाग में पदस्थ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के बीच आपसी खींचतान मची हुई है। जिसकी वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह भी निश्चेतना विशेषज्ञों के मना करने पर एक मरीज का ऑपरेशन नहीं हो पाया था। बाद में जिला अस्पताल की निश्चेतना विशेषज्ञ की मदद से मरीज को बेहोश कर सर्जन द्वारा ऑपरेशन किया गया।
ऑपरेशन के लिए मरीज फिट-
ऑपरेशन के पहले मरीज की पीएटी जांच कराई जाती है। इस जांच में फिट होने के बाद ही निश्चेतना विशेषज्ञों द्वारा मरीज को बेहोश किया जाता है। निश्चेतना विशेषज्ञों के न होने से मरीज का ऑपरेशन नहीं किया जा सका।
क्या कहते हैं अधिकारी-
तीनों निश्चेतना विशेषज्ञों को कॉलेज के काम से टीबी सेनेटोरियम स्थित कार्यालय बुलाया गया था। आरएमओ को जिला अस्पताल के निश्चेतना विशेषज्ञों की मदद लेने कह दिया गया था। ऑपरेशन के लिए अस्पताल प्रबंधन को व्यवस्था बनानी थी। यदि डॉक्टरों के बीच आपसी विवाद है तो समझाइश के बाद मामला सुलझा लिया जाएगा।निश्चेतना विशेषज्ञ की मदद से मरीज को बेहोश कर सर्जन द्वारा ऑपरेशन किया गया। - डॉ.तकी रजा, डीन, मेडिकल कॉलेज
Created On :   28 Sept 2018 1:29 PM IST