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'भावांतर भुगतान योजना' शुरू, आज से किसानों को मिलेगा लाभ

डिजिटल डेस्क,भोपाल। प्रदेश में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए पायलेट आधार पर खरीफ-2017 के लिए किसान-कल्याण एवं कृषि विभाग ने "भावांतर भुगतान योजना" लागू की है। इस योजना के तहत कृषि उपज मंडी प्रांगण में चिन्हित फसल उपज का विक्रय किए जाने पर राज्य शासन ने घोषित मॉडल विक्रय कर एवं भारत सरकार ने घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि किसानों को भुगतान करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि खरीफ-2017 के सीजन में सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द एवं तुअर की फसलें ली गई हैं। इन फसलों के लिए किसानों का योजना में एक सितंबर 2017 से 30 सितंबर 2017 तक भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल में पंजीयन किया जाएगा। भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों की फसलों के मंडी में विक्रय अवधि तुअर के लिए एक फरवरी 2018 से 30 अप्रैल 2018 तक तथा सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग और उड़द के लिए 16 अक्टूबर-2017 से 15 दिसंबर 2017 तक मॉडल विक्रय दर की गणना मध्यप्रदेश तथा दो अन्य राज्यों की मॉडल विक्रय दर का औसत होगा। योजना का लाभ पंजीकृत किसानों को मध्यप्रदेश में उत्पादित कृषि उत्पाद का विक्रय अधिसूचित मंडी परिसर में करने पर मिल सकेगा। योजना का लाभ जिले में पिछले वर्षों की फसल कटाई प्रयोगों पर आधारित औसत उत्पादकता के आधार पर उत्पाद की सीमा तक ही देय होगा।
प्रदेश के किसानों को देय राशि की गणना में प्रावधान किया गया है कि यदि किसान मंडी समिति परिसर में विक्रय की गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम, लेकिन राज्य शासन की घोषित मॉडल विक्रय दर से अधिक हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा किसान के विक्रय मूल्य के अंतर की राशि किसान के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
योजना में खरीफ की 8 फसलें शामिल
बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इंदौर में राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आंचलिक कार्यालय भवन का लोकार्पण किया। किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने समारोह की अध्यक्षता की। मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों के हितों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने सितंबर माह से भावांतर भुगतान योजना लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अभी इस योजना में खरीफ की आठ किस्मों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शामिल किया गया है। इसके बाद रबी फसलों के लिये भी इसे लागू किया जाएगा। वहीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस मौके पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम के माध्यम से समग्र विकास को नई दिशा प्रदान करने की शुरूआत की है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत किसान की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने की योजना पर अमल किया जा रहा है।
Created On :   1 Sept 2017 8:26 AM IST