घूमंतुओं का संभागीय आयुक्त कार्यालय पर मोर्चा 

Front of the wanderers at the office of the Divisional Commissioner
 घूमंतुओं का संभागीय आयुक्त कार्यालय पर मोर्चा 
अमरावती  घूमंतुओं का संभागीय आयुक्त कार्यालय पर मोर्चा 

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अपनी विविध मांगांे को लेकर फासे पारधी भटक्या विमुक्त आदिवासी अधिकार संगठन के नेतृत्व में  घूमंतुओं ने संभागीय आयुक्त कार्यालय पर मोर्चा निकालकर ज्ञापन सौंपा।  इर्विन चौराहे से घुमंतुओं के इस मोर्चे की शुरुआत हुई। मोर्चे के दौरान पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त था। मोर्चा गर्ल्स हाईस्कूल से जिलाधीश कार्यालय होते हुए विभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचा। मोर्चे में सैकड़ों घूमंतु समाज की महिला-पुरुष शामिल थे। विभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचने पर उन्हें प्रभारी आयुक्त से भेंट कर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
 
ज्ञापन में कहा गया है कि देश को आजादी मिलने को 75 साल पूर्ण हए है। ऐसे में एक तरफ आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ आज भी फासे पारधी समाज पिछड़ी हालत में है। पारधी बेड़ा ही उनकी बस्ती और गांव रहा है। पारधी समाज को स्वतंत्र गांव नहीं है, पारधी बेड़ों पर किसी भी तरह की मूलभूत सुविधा, शाला, पथदीप, सड़क, घरकुल, शौचालय और नालियों का निर्माण नहीं है। साथ ही समाज के लिए रोजगार व उपजीविका के भी साधन नहीं है। अतिक्रमण कर जहां खेती अथवा निवास है उसे छिन लिया जाता है। जिस जगह पर झोपडि़यां खड़ी की गई है। उन्हें भी कोई नाम नहीं है। घरकुल के निर्माण के लिए भी किसी के पास जगह नहीं है। नागरिकत्व के सबूत नहीं है। ऐसी स्थिति में भी जहां रोजगार मिले वहां स्थलांतर करना पड़ता है। महिला-पुरुषों को परिवार का पेट भरने दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। इस कारण महिलाओं का मानसिक व शारीरिक लैंगिक शोषण होता है।

विविध स्थानों पारधी समाज की महिला और युवतियों की गायब होने का प्रमाण बढ़ा है। इस कारण समाज बंधुओं को स्थायी होकर सम्मान से जीने के लिए संविधान ने जो मूलभूत अधिकार दिए हैं वह दिए जाने की मांग की गई है। इसके लिए भटक्या-विमुक्त, आदिवासी (पारधी) बस्तियों को जो नाम दिया गया है। उन गांवों को स्वतंत्र दर्जा देकर राजस्व विभाग में उसे पंजीकृत किया जाए, समाज के नागरिकों को घरकुल के लिए शासन द्वारा जगह उपलब्ध करवाई जाए, जहां लोग खेती कर रहे हैं। वह वनविभाग द्वारा खाली न करवाकर उसे संबंधितों के नाम करने की मांग की गई है। ज्ञापन सौंपनेवालों में आदिवासी नेता एड. डॉ. अरुण जाधव, बाबुसिंह पवार, संतोष पवार, नरेश पवार, सागर पवार, प्रमोद वालदे, देशराज पवार, नितीन पवार, अजेश भोसले, निलेश पवार, राजेश चव्हाण, किशोर चव्हाण, आकाश भोसले, इंकेश पवार, सुधाकर पवार, जलाराम पवार सहित विभिन्न तहसील के सैकडों लोग शामिल थे। 

Created On :   16 Jun 2022 3:08 PM IST

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