महाराष्ट्र : लॉटरी टिकट की बिक्री पर टैक्स को हाईकोर्ट ने सही ठहराया

Gambling speculative lottery - HC upheld the tax on lottery
महाराष्ट्र : लॉटरी टिकट की बिक्री पर टैक्स को हाईकोर्ट ने सही ठहराया
महाराष्ट्र : लॉटरी टिकट की बिक्री पर टैक्स को हाईकोर्ट ने सही ठहराया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश मेें स्पष्ट किया है कि लाटरी जुए व सट्टेबाजी के दायरे में आता है।  हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लाटरी टिकट की बिक्री पर कर लगाने के फैसले को सही ठहराया है। जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की बेंच ने इस मामले को लेकर मंगल मूर्ति  मार्केटिंग लाटरी कंपनी की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में महाराष्ट्र टैक्स आन लाटरी कानून 2006 की वैधानिकता पर सवाल उठाए गए थे। यह कंपनी आंध्र प्रदेश व नागालैंड सरकार द्वारा जारी लाटरी के उपवितरक के रुप में काम करती हैं । कंपनी ने अदालत से आग्रह किया था कि पश्चिमी राज्यों से महाराष्ट्र सरकार को लाटरी की टिकट बिक्री पर टैक्स लेने से रोका जाए। 

सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस रमन ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने उपरोक्त कानून अप्रत्यक्ष रुप से दूसरे राज्यों की लाटरी टिकट यहां पर बेचने पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से लाया है। केंद्र सरकार ने लाटरी के नियमन के लिए पहले से ही एक कानून बनाया है। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि यह कानून सिर्फ लाटरी कारोबार का नियमन करता है। इस कानून में कर का विषय समाहित नहीं है। राज्य सरकार के पास लाटरी पर कर लगाने का अधिकार है। क्योंकि यह एक तरह से सट्टेबाजी के दायरे में आती है। इस दौरान उन्होंने सुप्रीमकोर्ट का एक फैसला भी पेश किया जिसमें लाटरी को जुए का एक घटक माना गया है।

 मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि लाटरी शब्द को शब्दकोष में एक प्रकार के जुए के रुप में परिभाषित किया गया है। लोग लाटरी की कई टिकट खरीदते है। जिसमे से एक नंबर को पुरस्कार के लिए चुना जाता है। बेंच ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार लाटरी की टिकट की बिक्री पर कर नहीं लेती है वह जुए व सट्टेबाजी पर कर लेती है। यह कहते हुए बेंच ने कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया। 
 

Created On :   9 Nov 2018 9:34 PM IST

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