गणेश पूजा के बाद कर्बला के जर्जर रास्ते में करते हैं श्रमदान, अगरिया जनजाति बस्ती के लोगों की पहल

Ganeshotsav festival and Muharram month of Muslim community
गणेश पूजा के बाद कर्बला के जर्जर रास्ते में करते हैं श्रमदान, अगरिया जनजाति बस्ती के लोगों की पहल
गणेश पूजा के बाद कर्बला के जर्जर रास्ते में करते हैं श्रमदान, अगरिया जनजाति बस्ती के लोगों की पहल

डिजिटल डेस्क, शहडोल। इन दिनों हिंदुओं का पवित्र गणेशोत्सव पर्व और मुस्लिम समुदाय का मोहर्रम का महीना चल रहा है। सभी अपनी-अपनी आस्था में रमे हुए हैं। ऐसे में नगरपालिका क्षेत्र के अगरिया जनजाति बस्ती के लोगों की  एक पहल साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल बनी हुई है। बस्ती के लोग गणेश पूजन के बाद कर्बला के उस जर्जर रास्ते को दुरुस्त करने के लिए श्रमदान में जुट जाते हैं जिस मार्ग से ताजिया जुलूस निकलने वाला है। ताजिया जुलूस के रास्ते की मरम्मत का यह कार्य इसी साल नहीं बल्कि कई दशकों से करते चले आ रहे हैं। बस्ती के युवा, बुजुर्ग, बच्चों के साथ महिलाएं भी मोहर्रम के दिनों में दो से तीन घंटे तक श्रमदान करती हैं। इसके बाद अपने-अपने काम पर चले जाते हैं।
गणेश पूजा के बाद निकलते हैं
नगरपालिका के पुराना वार्ड नंबर 31 नया एक नंबर में 60 घरों की अगरिया बस्ती है। जिला होमगार्ड कार्यालय के पीछे इस बस्ती में सभी अगरिया जनजाति के लोग निवासरत हैं। बस्ती में सभी ने मिलकर इस साल भी गणेशजी की प्रतिमा स्थापित की है। सुबह 7 बजे सभी लोग पण्डाल में एकत्रित होते हैं, इसके बाद बस्ती की सड़क की मरम्मत करने निकल पड़ते हैं। बस्ती से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर मुडऩा नदी के किनारे कर्बला है। बस्ती की इसी रोड से सोहागपुर गढ़ी से निकलकर ताजिया जुलूस निकलता है।

 


बुजुर्गों ने शुरू की थी परंपरा
बस्ती के 75 वर्षीय ताराचंद अगरिया व 65 साल के दशरथ व नारायण ने बताया कि कर्बला के इस रास्ते को मोहर्रम के दिनों सुधारने का कार्य उनके कई पुस्तों से होता आया है। बस्ती में गणेश पूूजा की परंपरा भी पुरानी है।  खिलाड़ीराम अगरिया ने बताया कि उनके पूर्वज रास्ते को ठीक करने के लिए कार्य करते थे। अब उस परंपरा को हमारी पीढ़ी ने भी जीवंत बनाए रखा है। अन्य युवा ताराचंद, राजू, जयमुनि, पूरनचंद, लालमन, व्यंकट आदि ने बताया कि सड़क पर काम करने के लिए किसी को बुलाना नहीं पड़ता। सुबह-सुबह सभी लोग अपने से काम पर जुट जाते हैं।
मार्ग सुधारने कोई नहीं देता ध्यान
स्थानीय जनों ने बताया कि बस्ती कई दशकों से आबाद है और कर्बला के लिए ताजिया जुलूश निकलता है। लेकिन इस महत्वपूर्ण सड़क की मरम्मत के लिए नगरपालिका द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता। मार्ग में गड्ढे और कीचड़ हैं। गीता अगरिया ने बताया कि नगरपालिका द्वारा दो बार जेसीबी मशीन भेजी गई और आधा अधूरा काम के बाद आधे घंटे में चली गई। बस्ती के लोगों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन भी दिया लेकिन स्थिति नहीं सुधरी।
शीघ्र दुरुस्त होगा मार्ग
 अगरिया बस्ती वालों की पहल सराहनीय है। नगरपालिका को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास है। जुलूस के पूर्व मार्ग को दुरुस्त कराया जाएगा।
उर्मिला कटारे, अध्यक्ष नपा शहडोल

Created On :   17 Sep 2018 8:32 AM GMT

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