- दिल्ली हिंसा को लेकर अब तक कुल 22 केस दर्ज, एफआईआर में कई किसान नेताओं का ज़िक्र
- राकेश टिकैत ने ली ट्रैक्टर परेड की जिम्मेदारी, कहा- लाल किले पर झंडा किसने लगाया? जवाब दे सरकार
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज होगी केंद्रीय कैबिनेट की बैठक
- दिल्ली हिंसा: 3 और FIR दर्ज, पुलिस बोली- जैसे-जैसे शिकायत आएगी, कार्रवाई होगी
- दिल्ली: ITO से कनॉट प्लेस और इंडिया गेट जाने वाला रास्ता बंद, मिंटो रोड से कनॉट प्लेस पर भी पाबंदी
गर्मी में दिन भर शुरू रहेंगे गार्डन, जगह-जगह लू से बचाव के लिए लगेंगे ग्रीन नेट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मार्च का महीना समाप्त होते-होते गर्मी बेचैनी बढ़ाने लगी है। तेज धूप से लोग हलाकान होने लगे हैं इससे बचने के उपाय कर रहे हैं। गर्मी में राहत के लिए प्रशासन ने भी तैयारी की है। शहर में बढ़ती गर्मी के मद्देनजर लू से बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों, बाजार, सड़क, अस्पतालों में लू से बचाव के लिए ग्रीन नेट लगाए जाएंगे। इसके साथ ही शहर भर में उद्यान अब दिन भर खुले रहेंगे। मनपा के अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने इस संबंध में बैंठक कर उष्माघात प्रतिबंधक कृति योजना पर तत्काल काम शुरू करने के निर्देश दिए। मनपा के आरोग्य विभाग ने उष्माघात प्रतिबंधक कृति योजना 2019 तैयार की है।
टीम तैयार करने के निर्देश
बैठक में सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाने और प्रत्येक जोन के स्तर पर टीम तैयार करने का भी निर्देश दिया गया। उपाय योजनाओं के तहत भीड़-भाड़ वाले स्थानों व अस्पतालों में ग्रीन नेट लगाने, पीने के पानी के लिए प्याऊ, सुबह छह बजे से संध्याकाल तक उद्यान खुले रखे जाएंगे। इसके साथ ही दोपहर के समय बाजार बंद रखने के लिए व्यवसायियों से संपर्क और लोगों को लू से बचने के लिए जागरूक किए जाने की भी योजना है। स्वास्थ्य विभाग ने भी लू से बचाव के उपाय सुझाए हैं और लोगों से अधिक से अधिक पानी पीने व घर से निकलने के पूर्व पानी पीने की सलाह दी है।
मनपा के छत्रपति शिवाजी महाराज प्रशासकीय इमारत में हुई बैठक में आरोग्य अधिकारी डाॅ. सरिता कामदार, उष्माघात प्रतिबंध कृति योजना के नोडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. मंजूषा मठपति, समन्यवयक डॉ. विवेकानंद मठपति, सहायक आयुक्त महेश मोरणे, प्रकाश वराडे, सुभाष जयदेव, राजू भिवगडे, गणेश राठोड़, स्मिता काले, सुवर्णा दखने, अतिरिक्त सहायक आरोग्य अधिकारी विजय जोशी, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ. नीलेश अग्रवाल, जलवायु विभाग के ए.वी. गोल्हे, वैज्ञानिक भावना, जिलाधिकारी कार्यालय के अंकुश गावंडे, डॉ. जयश्री वालके, उद्यान निरीक्षक अनंता नागमोते शामिल हुए।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।