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जार्ज फर्नांडीज मेरे आयकॉन- नितिन गडकरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शोक जताते हुए कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस ने श्रमिकों, मेहनतकशों के लिए संघर्ष करते हुए खुद की कभी चिंता नहीं की। सुख-दुख की फिक्र किए बिना, हर हालात से लड़ने वाले नेता जॉर्ज फर्नांडिस मेरे श्रद्धेय रहे हैं। जब-जब मैं जॉर्ज फर्नांडिस से मिला उनके साधुत्व के मुझे दर्शन हुए, उनकी अलग ही छवि मेरे सामने उभरकर आई। किसी भी कार्यकर्ता के राजनीति का शुरुआती दौर संघर्षपूर्ण होता है, परंतु पद-प्रतिष्ठा मिलने के बाद वह राजनीति से समझौता कर अपने परिजनों व शुभचिंतकों को सुख पहुंचाने के लिए राजनीति करने लगता है। जॉर्ज फर्नांडिस सबसे हटकर अलग व्यक्तित्व थे जो जीवन भर संघर्ष करते रहे । उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपनी राजनीति से आम जनता के लिए संघर्ष करने वाले जार्ज फर्नांडीज के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई ।
आपातकाल के खिलाफ उठाई आवाज
एक सांसद के तौर पर फर्नाडिंस का आखिरी कार्यकाल राज्यसभा में अगस्त 2009 और जुलाई 2010 के बीच रहा। फर्नांडिस आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले एक बड़े योद्धा थे। 1998 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में उन्होंने रक्षामंत्री का पद संभाला। पिछले काफी वर्षों से बीमारी के चलते वे सार्वजनिक जीवन से दूर थे। मंगलुरू के रहने वाले जॉर्ज ने 1994 में समता पार्टी बनाई थी। आपातकाल के खिलाफ संघर्ष के दौरान उन्हें ख्याति मिली थी। वे नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थे और उन्होंने 1977 से 1980 में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनी सरकार में केंद्रीय मंत्री का पद संभाला था। 30 जून 1930 को जन्मे जॉर्ज 1967 से 2004 तक सांसद रहे। वह रेल यूनियन के बहुत बड़े नेता था। उनके रक्षामंत्री रहते हुए पोखरण टेस्ट हुआ था। कारगिल युद्ध के दौरान भी वह देश के रक्षामंत्री थे। 2004 में सामने आए ताबूत कांड के बाद उन्होंने रक्षामंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि दो जांच आयोग ने उन्हें दोषमुक्त पाया था।
Created On :   29 Jan 2019 10:40 AM GMT