- Home
- /
- ‘कम्फर्ट जोन' से बाहर निकलकर लेखन...
‘कम्फर्ट जोन' से बाहर निकलकर लेखन कर नए प्रयोग करें : चंदर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। व्यंग्यकार को कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर लेखन करना चाहिए, तभी हम व्यंग्य के साथ न्याय कर पाएंगे। नए प्रयोग कर पाएंगे। अपने वक्तव्य में वरिष्ठ व्यंग्यकार सुभाष चंदर (दिल्ली) ने कहे। व्यंग्यधारा की 39वीं ऑनलाइन वीडियो गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें अभिनव प्रयोग करते हुए ‘इस माह के व्यंग्य" के अंतर्गत आठ व्यंग्यकारों के व्यंग्य रचनाओं पर चर्चा की गई। सुभाष चंदर ने मुकेश राठौड़ की रचना ‘शिक्षा और साहित्य का स्वर्णकाल" तथा रामस्वरूप दीक्षित की रचना ‘भड़काना सरकार का काम है" पर अपनी बात रखी।
इंदौर के वरिष्ठ व्यंग्यकार सुधीर कुमार चौधरी ने राजशेखर चौबे के व्यंग्य ‘हाय री पब्लिक" और अभिषेक अवस्थी के व्यंग्य ‘उस देश का नया चर्चा भवन" की समालोचना की। वरिष्ठ व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने संतोष त्रिवेदी के व्यंग्य "इस मौसम में स्नान का साहस" तथा वरिष्ठ व्यंग्यकार गोपाल चतुर्वेदी के व्यंग्य ‘तेरे इस हठ का मैं क्या करूं’ पर बात की।
व्यंग्य का उद्देश्य छद्म और छल को उद्घाटित करना
आयोजन के प्रमुख वक्ता वरिष्ठ व्यंग्यकार विनोद साव ने कहा कि व्यंग्य का उद्देश्य छद्म और छल को उद्घाटित करना है। इसके लिए हौसला चाहिए। उन्होंने डॉ. अजय जोशी के व्यंग्य "मंगू का आईडिया’ और वेद प्रकाश भारद्वाज के व्यंग्य "बजट का हलवा’ की समीक्षा की। कार्यक्रम की भूमिका और संचालन करते हुए व्यंग्यकार रमेश सैनी (जबलपुर) ने कहा कि इस गोष्ठी में व्यंग्यधारा समूह ने नवीन संकल्पनाओं के साथ नए प्रयोग करते हुए "इस माह के व्यंग्य’ के अंतर्गत हमने महीने भर में प्रकाशित व्यंग्य रचनाओं में से कुछ चयनित रचनाओं पर बातचीत का निर्णय लिया है।
व्यंग्यधारा गोष्ठी के संयोजक- आलोचक डाॅ. रमेश तिवारी (दिल्ली) ने आभार प्रदर्शन किया। तकनीकी मार्गदर्शन अरुण अर्णव खरे (बंगलुरु) का रहा। कार्यक्रम में डाॅ. कुंदन सिंह परिहार, मधु आचार्य, सुनील जैन राही, डॉ. अजय जोशी, राजशेखर चौबे, डाॅ. महेंद्र सिंह ठाकुर , अनूप शुक्ल, कुमार सुरेश, स्नेहलता पाठक, वीना सिंह, प्रभाशंकर उपाध्याय, अल्का अग्रवाल सिग्तिया, रेणु देवपुरा, राजेंद्र वर्मा, मुकेश राठौड़, एम एम चंद्रा, विवेकरंजन श्रीवास्तव, वीरेंद्र सरल, हनुमान प्रसाद मिश्र, टीकाराम साहू, सौरभ तिवारी, वेदांत साव आदि उपस्थित थे।
Created On :   4 Feb 2021 3:18 PM IST