स्पा में महिलाएं और पैसे मिलने का मतलब वेश्यावृत्ति नहीं होता : कोर्ट

Getting women and money in the spa does not mean prostitution say court
स्पा में महिलाएं और पैसे मिलने का मतलब वेश्यावृत्ति नहीं होता : कोर्ट
स्पा में महिलाएं और पैसे मिलने का मतलब वेश्यावृत्ति नहीं होता : कोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई की विशेष कोर्ट ने सबूत के अभाव में स्पा एवं सैलून में यौन गतिविधियों चलाने के तीन आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने साफ किया है कि छापेमारी के दौरान स्पा में महिलाओं की मौजूदगी और पैसे की बरामदगी यौन शोषण के आरोप को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक 14 फरवरी 2014 को मुंबई पुलिस की समाजसेवा शाखा को महानगर के बांद्रा इलाके में एक स्पा एवं सैलून में वेश्यावृति किए जाने की जानकारी मिली थी। इसके बाद वहां पर एक व्यक्ति को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा गया था। फर्जी ग्राहक से इशारा मिलने के बाद पुलिस ने वहां पर छापेमारी की थी। इस दौरान पुलिस को वहां से पांच इस्तेमाल किए हुए कंडोम, सैलून के भीतर बनी केबिन में चार लड़कियां और काउंटर पर पुलिस को कुछ पैसे भी मिले थे। फर्जी ग्राहक ने छापेमारी करने गई पुलिस की टीम को बताया की जब वो वहां पर गया तो उसे पांच लड़कियां दिखाई गई और एक लड़की के लिए 2500 रुपए मांगे गए। छापेमारी के बाद पुलिस ने स्पा-सैलून के प्रबंधक जेम्स जवाटे, काशीनाथ पारधे, व दिपाली भोसले के खिलाफ मामला दर्ज किया।

जस्टिस एमबी दाते ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर लगे आरोपों को साबित करने में विफल रहा है। जस्टिस ने कहा कि सबूत सिर्फ यह दर्शाते हैं कि स्पा में छापेमारी की गई थी और वहां के ड्रावर से पैसे मिले थे। पंचनामा वहां पर लड़कियों के होने की बात कहता है। जस्टिस ने कहा कि इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष ने किसी पीड़ित लड़की को गवाह नहीं बनाया है। यहां तक की फर्जी ग्राहक भी अभियोजन पक्ष के दावों की पुष्टी नहीं करता।

यह भी साबित नहीं हो पाया है कि फर्जी ग्राहक ने आरोपियों को पैसे दिए थे और लड़की को संबंध बनाने के लिए भेजा गया था। पूरे सबूतों को देखा जाए तो वे सिर्फ छापेमारी की बात को दर्शाते हैं। सबूत के अभाव में हम स्पा एवं सैलून को चकला घर नहीं मान सकते। जस्टिस ने कहा कि छापेमारी के दौरान लड़की और पैसों का मिलना यौन शोषण किए जाने की बात को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इस तरह से जस्टिस ने सबूत के अभाव में  तीनों आरोपियों को बरी कर दिया।

Created On :   9 Jun 2018 6:15 PM GMT

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