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भारतीय संस्कृति ''वसुधैव कुटुंबकम'' की है : गिरीश गौतम

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आज कहा कि हमारी संस्कृति ""वसुधैव कुटुंबकम्"" यानी पूरा विश्व एक परिवार के दर्शन में विश्वास करने वाली हैं और हम स्वहित की बजाय परहित पर पहले ध्यान देते हैं।
गौतम ने यहां मीडिया के सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। इसके पहले गौतम से भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2021 बैच के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने सौजन्य भेंट की। राज्य के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा एक सरकारी कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा अपने शिशुओं को दूध पिलाने के संबंध में की गयीं टिप्पणियों को लेकर गौतम से सवाल किया गया था।
गौतम ने कहा कि यह पता करना चाहिए कि कहीं टिप्पणी करने वाला अधिकारी पश्चिमी देशों से तो वापस नहीं आया, जहां पर अवश्य महिलाएं अपने नवजात बच्चों को दुग्धपान नहीं कराती हैं। लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है। हमारी संस्कृति में हम लोग पहले सामने वाले व्यक्ति और उसकी आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं। इसके बाद अपनी ओर देखते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कारों और परंपराओं के मेल को संस्कृति कहते हैं। हमारी संस्कृति में शोषण नहीं, दोहन पर ध्यान दिया गया है। हमारी संस्कृति अतिथि देवो भव: और वसुधैव कुटुंबकम् की है। यह बात सबको ध्यान में रखना चाहिए।
Created On :   5 Nov 2022 7:13 PM IST