इंजेक्शन लगाते ही बालिका की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

Girl death due to injection,doctors charged with negligence
इंजेक्शन लगाते ही बालिका की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
इंजेक्शन लगाते ही बालिका की मौत, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में शनिवार को 2 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया और शव ले जाने से इनकार कर दिया। घटना के 12 घंटे बाद परिजन शव लेकर गए। मामले की शिकायत अजनी थाने में दर्ज की गई है। हालांकि डॉक्टरों ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

जानकारी के अनुसार शेखर बोरकर चंद्रपुर जिले के चिमूर का मूल निवासी है और वर्तमान में उमरेड में रहता है। बोरकर का कहना है कि 9 अप्रैल को उसकी 2 साल की बेटी परी बोरकर खाना नहीं खा रही थी, जिससे उसे पहले उमरेड के बाल रोग विशेषज्ञ के पास लेकर गया। वहां आराम नहीं मिलने पर उसे मेडिकल के वार्ड नंबर 5 में भर्ती किया था। यहां उपचार के बाद वह 10 और 11 अप्रैल को ठीक थी। वह खेल रही थी और बात भी कर रही थी, लेकिन 13 अप्रैल को उसे अपराह्न करीब 4 बजे एक इंजेक्शन लगाया गया, उसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई।

उसे पीडियाट्रिक इंटेशिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) में रेफर किया गया। वहां बच्ची को ऑक्सीजन पर रखा गया था, लेकिन किसी मरीज को जरूरत पड़ने पर उसका ऑक्सीजन मास्क निकाल कर उसे दे दिया गया। उसके बाद करीब 7.30 बजे उसकी मृत्यु हो गई। बोरकर ने यह सब डॉक्टरों की लापरवाही से होने का आरोप लगाया गया है। उसने कहा कि करीब 5 साल पहले भी उसके एक बच्चे की मृत्यु हो चुकी है। यह एकलौती बेटी थी और ऑपरेशन से हुई थी।

डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन नहीं बचा सके
मेडिकल के डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को मिर्गी की बीमारी थी। उसके पहले बच्चे की मृत्यु भी किसी से कारण हुई थी। इसी वजह से हम उसकी जांच करना चाहते थे, लेकिन उसके पहले ही उसकी मृत्यु हो गई। बच्ची की मां का अबार्सन भी हुआ था। हमारे डॉक्टरों ने बच्ची को बचाने की कोशिश की, लेकिन हम उसे नहीं बचा सके। परिजनों के आरोप बेबुनियाद हैं। सही उपचार किया गया।
-डॉ. दीप्ति जैन, विभाग प्रमुख बालरोग विभाग, मेडिकल

 

Created On :   16 April 2019 11:53 AM IST

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