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छात्राओं ने कहा- लड़कों को भी संवेदनशील बनाने की जरूरत, तभी लड़कियां होंगी सुरक्षित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सरोजनी नायडू उच्चतर महाविद्यालय में करीब 300 छात्राओं को साइबर अपराध पर जागरूक किया गया।
कार्यशाला में साइबर अपराध से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर छात्राओं को जानकारी प्रदान करते हुए उन्हें इन अपराधों से खुद को कैसे सुरक्षित रखना है, इस विषय पर ट्रेनिंग दी गई। कार्यशाला में नाटक के द्वारा बालिकाओं को बेटे व बेटी के बीच भेदभाव पर भी जागरूक किया गया और इस भेदभाव को खत्म करने के लिए उनसे बात की गई।
नाटक के अलावा छात्राओं ने हस्ताक्षर अभियान के तहत बालिकाओं के सम्बंध में अपने विचारों को लिखा। कार्यशाला के दौरान छात्राओं ने भेदभाव व बालिकाओं के ऊपर हिंसा को खत्म करने के लिए लड़कों को भी संवेदनशील बनाने एवं लड़कियों के साथ अच्छे आचरण करना सिखाने की बात की। छात्राओं ने अपने विचार रखते हुए कहा, लड़कियों को अगर सुरक्षित रखना है तो लड़कों के साथ भी काम करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, इस कार्य की शुरुआत हमें अपने घरों से ही करनी चाहिए
कार्यशाला में मंच संचालन का कार्य आरम्भ संस्था से अमरजीत कुमार सिंह के द्वारा किया गया। कार्यशाला में अर्चना सहाय, डायरेक्टर, भोपाल चाइल्ड लाइन ने छात्राओं से बात करते हुए उन्हें साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के बारे में बताया। उन्होंने छात्राओं से साइबर अपराधों पर चुप रहने की बजाय इसके खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम में शुभांगी मजमुदार, सहायक संचालक, महिला बाल विकास विभाग, राम गोपाल यादव, सहायक संचालक एवं साइबर थाने से राजेश सिंह भदोरिया, पुलिस अधीक्षक व इंस्पेक्टरअभिषेक सोनेकर के द्वारा छात्राओं से चर्चा करते हुए उन्हें विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान की गई। श्रीमती मजमुदार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लड़कियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बात करते हुए अभियान के सन्दर्भ में बात की। वहीं श्री भदोरिया एवं श्री सोनेकर ने छात्राओं को साइबर अपराध से कैसे बचा जाए इस पर उन्हें ट्रेनिंग दी।
Created On :   24 Jan 2019 5:44 PM GMT