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मौत के बाद छात्र ने 4 लोगों को दी जिंदगी

डिजिटल डेस्क, इंदौर. सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल होने के बाद मेडिकल छात्र की मौत हो गई। उसके अंगदान से चार जरूरतमंद मरीजों को नयी जिंदगी मिल गई।
दरअसल 20 साल का प्रियांक गुप्ता सड़क दुर्घटना बुरी तरह घायल हो गया था और डॉक्टर्स ने उसे दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया था।
अंगदान को बढ़ावा देने वाले गैर सरकारी संगठन मुस्कान के कार्यकर्ता संदीपन आर्य ने बताया कि 26 जून की रात सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद प्रियांक गुप्ता शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। डॉक्टरों ने उनकी उनकी हालत पर सतत निगरानी के बाद उन्हें सोमवार 3 जुलाई को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया था।
उन्होंने बताया कि प्रियांक दमोह के रहने वाले थे और इंदौर के एक निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र थे। उनके परिवारवालों को प्रेरित किया गया, तो वो शोक में डूबे होने के बावजूद अपने दिवंगत स्वजन के अंगदान के लिए राजी हो गये। आर्य ने बताया मेडिकल छात्र के मृत शरीर से कल रात निकाले गए दिल को एयर एम्बुलेंस से दिल्ली भेजकर एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के शरीर में प्रतिरोपित किया गया। जबकि अंगदान से मिले उनके लीवर और दोनों किडनियों का इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में तीन रोगियों के शरीरों में प्रतिरोपण किया गया। उन्होंने बताया कि गुप्ता की दोनों आंखों और त्वचा को दो अलग-अलग संस्थाओं ने प्रतिरोपण के लिए हासिल कर सुरक्षित रख लिया है, जिससे दो और जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी मिल सकेगी।
आर्य ने बताया कि इंदौर में पिछले 20 महीने में दिमागी रूप से मृत 21 मरीजों का अंगदान हो चुका है। इससे मिले दिल, लीवर, किडनी, ऑंखों और त्वचा के प्रत्यारोपण से इंदौर के साथ दिल्ली, हरियाणा और मुम्बई में करीब 120 जरूरमंद मरीजों को नए जीवन की सौगात मिली है।
Created On :   4 July 2017 3:15 PM IST