भेड़ों को खेत में रखकर किसानों को बुआई पूर्व दे रहे खाद

Giving manure to farmers before sowing by keeping sheep in the field
भेड़ों को खेत में रखकर किसानों को बुआई पूर्व दे रहे खाद
उर्वरक क्षमता बढ़ाने का तरीका भेड़ों को खेत में रखकर किसानों को बुआई पूर्व दे रहे खाद

डिजिटल डेस्क, अमरावती। खेत की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने जैविक खाद से धीरे-धीरे किसान ऑर्गेनिक खाद की तरफ मुड़ रहे हैं। विशेष बात यह है कि इसके लिए खरीफ सत्र की बुआई के पूर्व खेतों की मशक्कत के बाद भेड़ों को अपने खेत में रखते हैं जिससे उनके मल से तैयार होने वाली खाद से उनकी फसल की उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। विशेष बात यह है कि विद्यापीठ स्थित मार्डी रोड पर एक खेत में भेड़ों को रखकर यह प्रक्रिया की जा रही है। इसके लिए प्रति एकड़ भेड़पालों को 700 से 1 हजार रुपए दिए जाते हैं।

यूं तो किसान खेतों में फसलो की सुरक्षा के लिए कई तरह की उपाययोजना करते हैं। अच्छी फसल आैर उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। किंतु पुरानी परंपरा को आज भी जिले के कई किसान बरकरार रखे हुए हैं। यह किसान खेतों में खाद दुकानों से खरीदकर लाने के बजाए भेड़ों को अपने खेतो में ले आते हैं। दो से तीन दिन तक इन भेड़ों का खेतों रखते हैं। किसान उसके मल से तैयार होने वाले खाद को अधिक महत्व देते है। किसानों का कहना है कि भेड़ के मल से कृषि भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ती है। शुरुआत में जंगलों में भेड़ों को बबूल एवं जंगली पाला खिलाते है। इसके बाद किसान भेड़ों को अपने खेतों में बैठाने अथवा डेरा जमाने के लिए भेड़पालकों को बोलते है।

पहले खेतों में भेड़ आने पर संबंधित किसान इन भेड़पालों को अनाज अथवा भेड़ों का चारा देते थे  लेकिन अब बदलते दौर में प्रति एकड़ 700 से एक हजार रुपए दिए जाते हैं। भेड़ पूरा दिन में कई बार मल-मूत्र त्याग करते हैं, इससे खाद तैयार होती है जो जमीन के लिए काफी उपजाऊ होती है। यह रबी आैर खरीफ दोनों सत्र के लिए फायदेमंद है। यदि एक बार अच्छा खाद तैयार हो जाता है तो इसका असर लगभग दो साल तक खेत में रहता है। उधर किसान के खेत के मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ने से आवश्यक पोषकतत्व की मात्रा बढ़ती है। ऐसे मेंं किसानों की फसलों की सेहत में सुधार होता है आैर किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। अमरावती जिले में फिलहाल एक लाख भेड़ है। इनका पालनपोषण करने वाले पांच हजार परिवार हैं। वन विभाग द्वारा इन भेड़ों को चराई के लिए जमीन न देने अथवा जंगलों में प्रवेश न देने से भेड़पाल आैर वन विभाग के बीच लड़ाई जारी है। 

 

Created On :   13 Jun 2022 2:45 PM IST

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