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बुलेट ट्रेन के काम में रुकावट पैदा कर रही गोदरेज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि गोदरेज एंड बॉयस मैन्यूफैक्चरिंग लिमिटेड कंपनी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्य में अनावश्यक रुकावट पैदा कर रही है। कंपनी ने परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के कार्य में बाधा पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हाईकोर्ट में कंपनी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मुख्य रुप से कंपनी की विक्रोली स्थित जमीन के अधिग्रहण के लिए तय किए गए 264 करोड़ रुपए के मुआवजे को लेकर राज्य सरकार की ओर से 15 सितंबर 2022 को जारी किए गए आदेश को चुनौती दी गई है। याचिका में मांग की गई है कि सरकार की ओर से जारी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही जमीन अधिग्रहण को लेकर जारी आदेश को लागू करने की दिशा में उठाए गए कदम पर प्रतिबंध लगाया जाए। याचिका में दावा किया गया है कि उप जिलाधिकारी की ओर से नियमों के तहत आदेश जारी नहीं किया गया है।
सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने खंडपीठ के सामने कहा कि अधिग्रहित जमीन पर कब्जा लेने को लेकर कोई नोटिस जारी नहीं की गई है। वहीं इस बारे में उपजिलाधिकारी ने हलफनामा दायर कर कंपनी के आरोपों को आधारहीन व तथ्यहीन बताया है। हलफनामे के मुताबिक कंपनी ने परियोजना के कार्य में रुकावट पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कंपनी की ओर से पैदा की जा रही बाधाओं के चलते परियोजना की लागत एक हजार करोड़ रुपए से अधिक बढ़ गई है। राज्य के महाधिवक्ता से मिली जानकारी के बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 10 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। इसके साथ ही खंडपीठ ने कहा कि जब अधिग्रहित जमीन पर कब्जे को लेकर नोटिस जारी की जाए तो कंपनी को इसकी सूचना पहले दी जाए और उसे अदालत आने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। 508.17 किमी लंबी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में 21 किलोमीटर हिस्सा अंडरग्राउंड होगा। अंडरग्राउंड टनल का शुरुआती हिस्सा विक्रोली में होगा, जहां गोदरेज कंपनी की जगह है।
Created On :   18 Oct 2022 7:10 PM IST