गोंदिया : अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां नहीं मिली तो शव लेकर वनविभाग पहुंच गये

Gondia: If no wood was found for the funeral, reached the forest department with the dead body
गोंदिया : अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां नहीं मिली तो शव लेकर वनविभाग पहुंच गये
गोंदिया : अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां नहीं मिली तो शव लेकर वनविभाग पहुंच गये

डिजिटल डेस्क, अर्जुनी मोरगांव (गोंदिया)।  अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी न मिलने पर उसके परिजनों ने शव सीधे वनविभाग लेकर पहुंच गये। लकड़ियां उपलब्ध होने पर अंतिम संस्कार किया गया। अर्जुनी मोरगांव तहसील के प्रभाग क्र.15 निवासी नरेश तरजुले की बीमारी के चलते 9 जून को मौत हो गई। अत्याधिक गरीबी की स्थिति में जीवनयापन कर रहे उसके परिवार की लाकडाउन के चलते  स्थिति ओर भी बदतर हो गई।  इस बीच गांव के कुछ युवा आगे आए और उन्होंने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की। दाह संस्कार के लिए लकड़ियों की आवश्यकता होने के कारण वन विभाग से संपर्क किया गया।  लेकिन विभाग के कर्मचारियों ने  लकड़ियों  खत्म होने की बात कही।  गुस्साए नागरिक  आर.के. जांभुलकर, त्रिशरण शहारे के नेतृत्व में शव लेकर सीधे वनविभाग के कार्यालय में जा पहुंचे।

जहां लोगों ने जब तक वनविभाग द्वारा लकडिय़ां  उपलब्ध नहीं कराई जाएगी तब तक वे शव के साथ वहीं बैठे रहने की भूमिका ली। अंतत: वनविभाग के अधिकारियों के साथ वार्तालाप के बाद वन परिक्षेत्राधिकारी दुर्गे ने लकड़ियां उपलब्ध कराई, जिसके बाद ही अंतिम संस्कार किया गया।  अर्जुनी स्थित सामाजिक वनिकरण विभाग के पास जलाऊ लकड़ियों का बड़ा संग्रहण है। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उन्हें लकडिय़ा दिए जाने की इजाजत नहीं दिए जाने से  जरूरतमंदों को लकड़ियां नहीं मिल पाती।  इसी का परिणाम है कि अंतिम संस्कार के लिए लगनेवाली लकड़ियों के लिए भी ग्रामवासियों को संघर्ष करना पड़ रहा है।  

लकड़ियों का संग्रहण नहीं

वनविभाग के पास वर्तमान में जलाऊ लकडिय़ों का भंडारण नहीं है। सामाजिक वनिकरण विभाग के पास यह उपलब्ध है। वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात से अवगत कराते हुए वनविभाग ने आवश्यकता अनुसार लकडिय़ों का भंडारण उपलब्ध कराने की मांग की है। लेकिन अब तक कोई निर्देश नहीं मिले। इस कारण यह स्थिति निर्माण हुई। परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए मृतक के अंतिम  संस्कार के लिए तत्काल लकडिय़ां उपलब्ध कराई गई। भविष्य में ऐसी स्थिति निर्माण न हो, इसके लिए ध्यान रखा जाएगा। 
- बी.टी. दुर्गे, वनपरिक्षेत्राधिकारी, अर्जुनी मोरगांव

Created On :   10 Jun 2020 9:52 AM GMT

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