- Home
- /
- शासन ने दिया मुफ्त में राशन तो चावल...
शासन ने दिया मुफ्त में राशन तो चावल तस्करों के फिर गए दिन

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती जिले में गरीबी रेखा के निचले स्तर के अंत्योदय श्रेणी में 1 लाख 22 हजार 355 राशनकार्ड धारक हैं। राज्य सरकार की आेर से इन्हें काफी कम दर में और कोरोनाकाल से केंद्र सरकार द्वारा घोषित नि:शुल्क अनाज (चावल) इस तरह हर माह जिले में 4 करोड़ 32 लाख 556 किलो चावल वितरित किया जाता है, जो अंत्योदय कार्डधारकों को मिलनेवाले गेहूं की तुलना में काफी ज्यादा है। आवश्यकता से ज्यादा चावल राशन की दुकान में मिलने से जिले के ग्रामीण क्षेत्र आैर शहर में चावल खरीदने के लिए तस्कर सक्रिय हुए हंै। इसी कारण जिले में चावल की तस्करी फिलहाल जोरों पर है। रविवार को मोर्शी से वरूड़ शासकीय अनाज ले जा रहा ट्रक पकड़ा गया। जो तस्करी का एक हिस्सा बताया जाता है।
जानकारी के अनुसार अमरावती जिले में अंत्योदय राशनकार्ड धारकों की संख्या 1 लाख 22 हजार 355 है। जिसमें 4 लाख 68 हजार 164 लाभार्थियों का समावेश है। अंत्योदय कार्डधारकों को हर माह 35 किलो अनाज प्रति कार्ड काफी कम दर पर दिया जाता है। जिसमें 2 रुपए किलो दर पर प्रति कार्डधारक 15 किलो गेहूं , 3 रुपए किलो के दाम से 20 किलो चावल आैर 20 रुपए किलो से एक किलो शक्कर सरकार की आेर से मिलती है। कोरोनाकाल में जब समूचा देश घरो में कैद था तब केंद्र सरकार की आेर से अंत्योदय कार्डधारकों को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज निशुल्क बांटा गया। जिसमें तीन किलो गेहूं आैर दो किलो चावल का समावेश था।
इस तरह राज्य आैर केंद्र सरकार द्वारा दिए जानेवाले अनाज में गेहूं की तुलना में लोगों को चावल आवश्यकता से ज्यादा वितरित किए जाने से लोग यह चावल बेचने पर मजबूर हुए। जिससे कुछ तस्करों ने हर गांव, मोहल्ले में इस तरह का चावल खरीदने के लिए एजेंट नियुक्त कर दिया। लोगों से 10 से 12 रुपए प्रति किलो दर से चावल खरीदकर एजेंट यह माल अपने मालिक (तस्कर) तक पहुंचाने लगे। पश्चात संबंधित तस्कर गोदाम में जमा किया यह शासकीय चावल दूसरे जिले अथवा राज्य में पहुंचाने लगे। रविवार को मोर्शी में 24 हजार 800 किलो सरकारी चावल की खेप पुलिस ने पकड़ी। पुलिस के अनुसार यह चावल मोर्शी से वरूड जा रहा था। इस तरह अब जिले में शासकीय अनाज की तस्करी ने जोर पकड़ लिया है।
किसानों को जुलाई माह से नहीं मिलेगा गेहूं
अमरावती जिले में शासकीय अनाज के लिए तीन प्रकार के लाभार्थी है। अंत्योदय के अलावा पूर्व के बीपीएल आैर कम आर्थिक उत्पन्न वाले केसरी कार्ड धारकों को अब प्राधान्य सूची में शामिल कर उन्हें भी शासकीय अनाज का वितरण किया जाता है। अमरावती जिले में प्राधान्य सूची के 3 लाख 16 हजार 43 कार्ड है आैर किसान लाभार्थी के 1 लाख 16 हजार 596 कार्डधारक है। किसान लाभार्थियों को जुलाई तक प्रति व्यक्ति तीन किलो गेहूं आैर दो किलो चावल का वितरण किया जाता था। लेकिन जुलाई माह से किसान लाभार्थियों को केवल प्रति व्यक्ति दो किलो चावल दिया जा रहा है। उन्हें मिलनेवाला गेहूं रद्द कर दिया गया है। इस तरह एक किसान के कार्ड पर अगर चार व्यक्ति का नाम हो तो उसे राज्य सरकार की आेर से आठ किलो आैर केंद्र की आेर से निशुल्क आठ किलो चावल मिल रहा है। यह किसान लाभार्थी अब मजबूरन प्रति माह मिलनेवाले 16 किलो चावल में चार किलो घर में रखकर 12 किलो बाजार में बेचकर बदले में गेहूं खरीद रहे है।
Created On :   2 Aug 2022 2:41 PM IST