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अब आटो में निर्भय होकर कर सकेंगे सफर, जारी होगा क्यूआर कोड नंबर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऑटो से अकेले में सफर करते समय अक्सर भयभीत महिलाओं और युवतियों के लिए अब राहत भरी खबर है। शहर यातायात पुलिस विभाग ने अब सवारी ऑटो को "क्यूआर कोड" नंबर जारी करने का फैसला किया है। सफर के दौरान किसी तरह का खतरा महसूस होने पर यात्री इस कोड नंबर के बारे में पुलिस को सूचना दे सकते हैं। पुलिस उस ऑटो को अगले ही पल जाकर दबोच सकती है। यातायात पुलिस विभाग के उपायुक्त राजतिलक रोशन का मानना है कि "क्यूआर कोड" नंबर यात्रियों की सुरक्षा में मददगार साबित होगा। इससे अपराधियों की धरपकड़ में भी मदद मिलेगी।
कोड नंबर जरूर ध्यान में रखें
यातायात पुलिस उपायुक्त रोशन का कहना है कि क्यू आर कोड एक डिजिटल आधुनिक पद्धति है, इसकी पहल यात्री सुरक्षा में सुधार करने में मदद करेगी। यात्रियों को वाहनों पर प्रदर्शित होने के लिए क्यूआर कोड के माध्यम से ऑटो-रिक्शा और उसके चालक के विवरण की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। जानकारी पुलिस के पास पहुंचते ही पुलिस मदद के लिए फौरन सामने आ जाएगी।
तमिलनाडु में हुआ प्रयोग
इस आधुनिक पद्धति की शुरूआत नाशिक में हो चुकी है। राज्य में इस पद्धति को अपनाने वाला नागपुर दूसरा शहर होगा। हालांकि इस पद्धति का उपयोग तमिलनाडु के कोथगुडेम में काफी पहले शुरू हो चुका है। कोथगुडेम में तो वहां के ऑटो चालकों को क्यूआर कोड के साथ डिजिटल पहचान पत्र जारी किया गया है। इस कोड नंबर के कारण यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले ऑटो चालकों पर भी कार्रवाई की जा सकेगी।
इसी माह होगी शुरुआत
अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में शहर के ऑटो चालकों को क्यू आर कोड नंबर दिया जा रहा है। प्राथमिक स्तर पर इसकी शुरूआत की जा रॅही है। यातायात पुलिस विभाग ने एक एप तैयार कर लिया है। इस एप के माध्यम से शहर में चल रहे तकरीबन 15 हजार ऑटो चालकों- मालिकों को "क्यूआर कोड" नंबर दिया जाएगा। देखा गया है कि शहर के कुछ ऑटो चालक बड़ी वारदातों को अंजाम देने में अपराधियों की मदद करते रहे हैं। "क्यूआर कोड" नंबर ऐसे लोगों तक पहुंचने में भी मददगार साबित हो सकेगा। (राजतिलक रोशन, उपायुक्त , यातायात पुलिस विभाग शहर नागपुर)
Created On :   1 Oct 2018 7:10 AM GMT